जहां सेना और नौसेना सभी थिएटर कमांड के लिए हैं, वहीं वायु सेना संबंधित थिएटर कमांडों के बीच अपनी एयर एसेट्स के विभाजन के साथ सामंजस्य बिठाने की कोशिश कर रही है। सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) ने भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना सेवा मुख्यालय को २०२२ के मध्य तक छह महीने के लिए अपने अंतिम सैन्य रंगमंच कमानों के प्रस्ताव का जवाब देने के लिए दिया है ताकि विरोधियों का मुकाबला करने के लिए बहुत आवश्यक तर्कसंगत संरचनाओं की स्थापना शुरू की जा सके । चीन पहले से ही मिश्रित तत्व ब्रिगेड के साथ थिएटर कमांड को एकीकृत कर चुका है और अब पाकिस्तान को थिएटर कमांड के साथ अपनी युद्ध प्रणाली में सुधार करने में भी मदद कर रहा है।

घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारियों के मुताबिक, रक्षा प्रमुख जनरल बिपिन रावत के नेतृत्व में डीएमए ने अगले 180 दिनों में रक्षा मंत्रालय को लिखित में अपना विचारिया देने के लिए अंतिम ढांचा तीन सेवा मुख्यालय को भेज दिया है। मालूम हो कि एक बार सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच थिएटर कमांड बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले अपने सुझाव या आपत्तियों के साथ डीएमए वापस आने के बाद वरिष्ठ सैन्य कमांडरों को यह संकेत मिलता है कि नई कमानें २०२२ के अंत तक काम कर रही होंगी।

जहां सेना और नौसेना सभी थिएटर कमांड के लिए हैं, वहीं वायु सेना संबंधित थिएटर कमांडों के बीच अपनी एयर एसेट्स के विभाजन के साथ सामंजस्य बिठाने की कोशिश कर रही है । रंगमंच कमानों के खिलाफ असंतोष और नई बाधाओं को भड़काना यह तथ्य है कि सेवा प्रमुखों को अब संबंधित सैन्य शाखाओं का संख्यात्मक यूएनओ नहीं होगा, बल्कि स्थायी चीफ ऑफ स्टाफ या सीडीएस इनइस मामले की अध्यक्षता वाली समिति के हिस्से के रूप में केवल हार्डवेयर खरीद के प्रशिक्षण और प्राथमिकता के लिए जिम्मेदार होगा।