दीपावली अवकाश के बाद खुली मन्दसौर कृषि उपज मंडी में उपज बेचने के लिए किसान परेशान हो रहे है। मंडी के बाहर किसानों को 24 घण्टे वाहनों के कतार में खड़े रहने के बाद प्रवेश मिल पा रहा है। उसके बाद तीन से चार दिन में नीलामी में नम्बर आ रहा है। इधर मंडी में उपज बेचने आए किसानों का कहना है कि प्याज और लहसुन के भाव नही मिलने से लागत मूल्य भी नही निकल पा रहा है।

किसानों का कहना है कि मंडी में माल बेचने के लिए बहुत परेशानी होती है, पहले लाईन में ट्रैक्टर खड़े रहने के बाद मंडी में प्रवेश होता है। उसके बाद मंडी प्रांगण में तीन से चार दिन में उपज की नीलामी हो रही है। किसानों का कहना है कि लहसुन और प्याज़ के भाव कम मिलने से लागत मूल्य भी नही मिल पा रहा है।

मंडी में प्याज बेचने आए किसान ने बताया कि जो हमने इस बार प्याज की फसल मैं जो लागत लगाई थी, वह भी नहीं मिल पा रही है। इस बार लहसुन की खेती के लिए 2 बीघा में 20 हजार की लागत लगाई थी, 20 हजार ही आ जाए तो बहुत बड़ी बात है ।मंडी सचिव के मुताबिक लहसुन की आवक अच्छी हो रही है। प्याज की आवक  कम  रही है। लहसून का भाव 3 हजार से 9 हजार 200 रुपये तक मिल रहा है।  प्याज का भाव 800 से लेकर 2300  तक रहा। गुरुवार को 20 हजार के करीब मंडी प्रांगण में उपज कट्टों की नीलामी हुई। 400 के करीब वाहन उपज से भरे मंडी के बाहर लाइन में खड़े थे। कुल 20 हज़ार से 25 हजार किवंटल  की आवक हुई।