मेहुल राठोड-संवाददाता

वायु प्रदूषण मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा खतरा : WHO ने चेतावनी दी:

WHO ने प्रदूषण के लिए जिम्मेदार 6 प्रमुख कारणों पर संशोधित दिशानिर्देश जारी किए।

स्वच्छ हवा हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है, इसलिए हवा को साफ रखना भी एक मौलिक कर्तव्य है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वायु प्रदूषण हर साल दुनिया भर में लगभग 30 लाख लोगों की जान लेता है। और इसे रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देशों की आवश्यकता है। इसके लिए विशेष रूप से हमें ऐसे उद्योगों को विकसित करने की जरूरत है जो प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कणों के उत्सर्जन को रोक सकें।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रदूषण के लिए जिम्मेदार छह प्रमुख कारणों पर संशोधित दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। खासतौर पर पीएम. 2.2 और पीएम. 10 को लेकर गाइडलाइंस को सख्त करने की सिफारिश की गई है। अगर भारत की बात करें तो इसने 2009 में एयर क्वालिटी इंडेक्स पर काम किया था और वर्तमान में अगले साल आने वाले संशोधित दिशानिर्देशों पर काम कर रहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) का अनुमान है कि PM2.5, PM10, ओजोन, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड हवा को प्रदूषित करने के लिए जिम्मेदार हैं और यह हर साल 70 लाख लोगों की जान लेता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडनम ग्रेबियस ने कहा, “मैं वैश्विक समुदाय और सरकारों से इन प्रदूषकों के उत्सर्जन के लिए दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह करता हूं।” यदि ऐसा नहीं किया गया तो मानव जाति संकट में पड़ जाएगी। वायु प्रदूषण से होने वाली 80 फीसदी मौतों के लिए पीएम. 2.5 जिम्मेदार है।