कोरोना महामारी से बचाव के लिए सरकार के द्वारा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त में टीकाकरण किया जा रहा हैं। लेकिन केंद्रों पर टीके की शॉर्टेज होने के चलते पहुंचने वाले कुछ ही लोगों को टीका लग पाता हैं। बाकी सभी बैरंग वापस चले जाते हैं। एक समय वह भी था जब सरकार की पूरी मशीन मशीनरी सिर्फ टीके के गुण बताने में लगी हुई थी और ग्रामीण अंचल के लोग टीकाकरण करवाने से पीछे हट रहे थे।
देश-प्रदेश की जनता कोविड-19 से बचाव के लिए टीका लगवाने के लिए आगे आ रही हैं तो पता लगता है कि सीएचसी और पीएचसी पर टीका ही खत्म हो गया है। आइए हम आपको अमेठी जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संग्रामपुर का नजारा दिखाते हैं जहां पर कोरोना महामारी से बचाव हेतु टीकाकरण कराने के लिए भारी मात्रा में महिलाएं लाइन लगाए खड़ी हुई हैं। इसमें तो कई महिलाएं ऐसी हैं जो हफ्तों से दौड़ रही हैं लेकिन उनको टीका नहीं लग पा रहा है।
वहीं, पर टीकाकरण कराने आए एक युवक ने बताया कि अंदर के लोग अपने जान पहचान वालों को टीका लगा देते हैं जबकि बाहर जनता लाइन में खड़ी रहती हैं उसको टीका नहीं लग पाता हैं, इसमें भी सबसे बड़ी बात तो यह हैं कि जहां पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने पीएमओ को भेजी रिपोर्ट में यह कहा हैं कि अक्टूबर में तीसरी लहर अपने चरम पर होगी जिसमें बच्चों और युवाओं को विशेष खतरा हैं। वहीं पर भीड़ में लाइन लगाए खड़ी महिलाओं के मुंह पर मास्क भी नहीं है और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा हैं इससे भी बड़ी बात तो यह है कि यह महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर टीकाकरण कराने आई है और बच्चे बिना मास्क के इधर उधर टहल रहे हैं।