हिंदू धर्म में श्रावण मास का  बहुत महत्व होता है। इसका हर दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसके सभी दिन भगवान भोले बाबा की पूजा-आराधना के लिए समर्पित है। आपको बता दें, श्रावण मास की शिवरात्रि के अगले दिन 15वीं तिथि को श्रावण अमावस्या कहा जाता है।

चूंकि इस समय सभी स्थानों पर बारिश होती है और पृथ्वी पर हरा-भरा रहता है। आइए जानें श्रावण अमावस्या का महत्व और सही तिथि के बारे में।

हरियाली अमावस्या का महत्व

हरियाली अमावस्या के दिन दान और स्नान के अतिरिक्त और भी कार्य किए जाते हैं। इस दिन पीपल और तुलसी के पौधे की पूजा विशेष रुप से करते हैं। कहा जाता है पीपल के पेड़ में ब्रह्मा, त्रिदेव, विष्णु और महेश का वास होता है।

इसकी पूजा करने के बाद एक पेड़ लगाने का भी नियम है। हरियाली अमावस्या पर हर साल एक पेड़ लगाना चाहिए। हरियाली अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान, पूजा पाठ, ब्रह्मणों को भोजन आदि कराना चाहिए।

हरियाली अमावस्या 2021 ति​थि

श्रावण मास की अमावस्या तिथि की शुरुआत 07 अगस्त को शाम 07 बजकर 5 मिनट से हो रही है। इसका अंत 08 अगस्त को शाम 07 बजकर 10 मिनट पर होगा।