भारत और अमेरिका ने एक वर्तमान निर्णयों के नियमों का प्रसार किया, जिसके अंतर्गत सहकारी देशों को संयोजकता, व्यापार और इन्वेंटरी, स्वास्थ्य सेवा तथा कृषि जैसे अनेक क्षेत्रों में संयुक्त रूप से निपुणता निर्माण में सहायता दी जाती है. इस दौरान विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि दोनों दलों ने वैश्विक विकास के लिए त्रिकोणीय सहयोग पर नियामक सिद्धांतों के वक्तव्य में दूसरे संशोधन पर दस्तख़त किए. आपको बता बता दें, नवंबर 2014 में एसजीपी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे और नए संशोधन ने समझौते की वैधता को 2026 तक बढ़ा दिया है.

विदेश मंत्रालय ने बताया, ‘भारत और अमेरिका मुख्य रूप से क्षेत्रीय, कृषि, व्यापार, संपर्क और निवेश, स्वास्थ्य, स्वच्छ पोषण, और महिला सशक्तिकरण, आपदा, अक्षय ऊर्जा को लेकर तैयारी, स्वच्छता, शिक्षा, जल और संस्थान निर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हुए, कई क्षेत्रों में हिस्सेदारी देशों को क्षमता निर्माण मदद करना जारी रखेंगे.’ साथ ही कहा, कि दूसरा संशोधन भारत और अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से किए गए क्षमता निर्माण गतिविधियों के दायरे का विवरण करता है और एसजीपी के अंतर्गत की जाने वाली गतिविधियों की साल में दो बार देख-रेख और आलोचना के लिए एक परामर्श तंत्र भी प्रदान करता है.