कानपुर की कुछ चीजें लोगों में बहुत ही प्रसिद्ध है उन्हीं में से एक शब्द है जुगाड़ जुगाड़ शब्द कितना कारगर है अगर आप का जुगाड़ सरकारी कार्यालय सरकार के किसी अधिकारी कर्मचारी या सरकारी मेडिएटर से हो जाता फिर आप इनलीगल काम को भी लीगल तौर पर करा सकते हैं खास करके कानपुर जैसे महानगर में जहां पर काम बोले ना बोले पैसा बोलता है कुछ ऐसा ही मामला कानपुर के नवाबगंज थाना अंतर्गत आने वाले वृंदावन अपार्टमेंट से आया है 180 गज में 6 मंजिला 13 फ्लैट सहित 2003 में बनकर तैयार हुआ और इस मानक विहीन कंस्ट्रक्शन के हो जाने के बाद मालिक गुलाब चन्द्र अग्रवाल जुगाड़ पर जुगाड़ लगाकर एक टावर भी लगवा लेते हैं जब फ्लैट में रहने वाले लोग इसका विरोध करते हैं तो गुलाब सिंह अग्रवाल जी जुगाड़ पद्धति का यूज कर के टावर लगवाने में कामयाब हो जाते अब एक बार फिर से गुलाब सिंह अग्रवाल वृंदावन अपार्टमेंट जोकि पूर्ण रूप से अवैध निर्माण का उदाहरण है। उस पर अपनी सेटिंग सेटिंग वा दबंगई के दम पर दूसरा टावर लगवा रहे हैं। जिस का विरोध करना छठी मंजिल पर रहने वाले एक परिवार को भारी पड़ गया पीड़ित के अनुसार टावर लगाने की शिकायत करने पर गुलाब सिंह अग्रवाल द्वारा उसके परिवार को भद्दी भद्दी गालियां वह देख लेने की धमकी दी जा रही है। अब देखने वाली बात यह होगी कानपुर डीएम से लेकर मुख्यमंत्री का दरवाजा तक खटखटा चुके अपार्टमेंट के लोगों की कोई मदद सरकारी मशीनरी द्वारा होती है। या फिर 2003 की ही तरह गुलाब चंद्र अग्रवाल अपने बनाए हुए पूर्ण रूप से अवैध वृंदावन अपार्टमेंट पर मानक विहीन टावर लगवाने में सफल हो जाता है या फिर ऐसे दबंग लोगों पर शासन द्वारा कोई कार्रवाई की जाती है