जिले के निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस इन्फेक्शन से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, तो दवाओं की किल्लत भी बरकरार है। स्थिति यह है कि उच्च स्तर से अप्रूवल मिलने के बाद भी समय पर मरीजों को दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। ऐसी स्थिति में मरीजों के परिजन प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं। वहीं, जिले में अब कोरोना मरीजों की संख्या करीब 200 तक पहुंच गई है।
हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के पास अभी म्युकरमाइकोसिस के मरीजों की सटीक संख्या की जानकारी नहीं है। मई के दूसरे सप्ताह से जिले में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमी आई तो उसी तेजी से म्युकरमाइकोसिस मरीजों का आंकड़ा बढ़ने लगा है। उसी तरीके से मरीजों को दवाएं मिलने में भी दिक्कत हो रही है।
अमृता नामक महिला ने जिला उपायुक्त को ट्वीट कर बताया कि कोरोना व ब्लैक फंगस से पीड़ित उनके 70 वर्षीय मरीज को एंफोटेरेसीन बी इंजेक्शन की स्वीकृति मिल चुकी है। बावजूद इसके अभी तक वह इंजेक्शन की डिलीवरी का इंतजार कर रही हैं। तनुजा ढींगरा नामक महिला ने जिला उपायुक्त को लिपोसोमल एंफोटेरेसीन बी इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए ट्वीट किया। उन्होंने बताया कि उनके मरीज फोर्टिस अस्पताल में भर्ती हैं, जिनके इलाज के लिए दवाओं की जरूरत है। इसी तरह कई अन्य लोग भी हैं, जो प्रशासन से ब्लैक फंगस इन्फेक्शन के इलाज में कारगर दवाएं उपलब्ध कराने की गुहार लगा रहे हैं।