कोरोना संक्रमण ने लाखों लोगों की जान ले ली है। संक्रमितों का संस्कार श्मशान घाट पर एलपीजी की मशीन में हा रहा है। अब मशीन भी ज्यादा लोड नहीं ले पा रही है। ऐसे में लोग अपने अपनों का संस्कार लकड़ियों पर कराने पर जोर दे रहे हैं।
कोरोना के दौर में ही शहर के मदनपुरी के रामबाग और कटारिया चौक श्मशान घाट में शवों के अंतिम संस्कार के लिए एलपीजी मशीन लगाई हुई है। जबकि बाकी घाटों में ऐसा कोई इंतजाम नहीं किया है। इसलिए कोरोना संक्रमितों का दाह संस्कार लकड़ियों पर किया जा रहा है। मदनपुरी श्मशान में कुछ दिनों पहले चिताओं का अंबार लगा हुआ था। साथ ही उतने ही शव एंबुलेंस में रखे नजर आते थे। इन शवों का अंतिम संस्कार लकड़ियों से किया जा रहा था। क्योंकि दाह संस्कार करने वाली एलपीजी मशीन में शवों को जलाने की प्रक्रिया में काफी समय लग जाता था। जबकि शवों की संख्या अधिक रहती थी।

एक मशीन से 12 घंटे में होते है चार संस्कार
मदनपुरी श्मशान घाट के इंचार्ज सुभाष ने बताया कि लोग संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार मशीन से करा भी लेते हैं। मशीन में लगभग 3 घंटे का समय लगता है। उसमें 12 घंटे में केवल चार शवों का अंतिम संस्कार हो पाता है। वैसे अगर शवों का अंतिम संस्कार लकड़ियों से कराया जाता है। तो एक शव के लिए चार से पांच क्विंटल लकड़ी लग जाती है। वहीं कोरोना के दौर में शवों की संख्या ज्यादा होने पर लोग अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों को सही मानते हैं।