दुगड्डा में बिना अनुमति के क्लीनिक चलाना एक
डॉक्टर बंगाली को भारी पड़ गया, मंगलवार को तहसीलदार ने
एक क्लीनिक में छापेमारी की गई, इस दौरान क्लीनिक में भारी
अनिमितायें पायी गयी, जिस कारण एसडीएम के निर्देशों पर
तहसीलदार ने क्लीनिक को अग्रिम आदेशों तक सील कर दिया।
बता दें कि कोटद्वार तहसील के दुगड्डा में एक डॉक्टर के द्वारा
स्वास्थ्य विभाग की बिना अनुमति के क्लीनिक चलाया जा रहा
था, जिसकी शिकायत लंबे समय से प्रशासन को मिल रही थी,
मंगलवार को एसडीएम कोटद्वार के निर्देशों पर तहसीलदार
विकास अवस्थी ने नायब तहसीलदार, पट्टी पटवारी को साथ
लेकर दुगड्डा के मोती बाजार स्थित उक्त क्लीनिक पर छापेमारी
की।
छापेमारी के दौरान स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि भी तहसीलदार
के साथ मौजूद थे, जब क्लीनिक संचालक से क्लीनिक के
जरूरी कागजात मांगे गये तो क्लीनिक संचालक के द्वारा जरूरी
कागजात नहीं दिखाये गये, क्लीनिक में कुछ एक्सपायरी डेट
की दवाई, एलोपैथिक दवाईयां जो क्लीनिक में रखनी अलाव
नही थी, एक कप सिर्प (जो कि प्रतिबंधित है) जिसे बच्चे नशे के
करते है, भी जांच के दौरान मिली, जांच में उक्त डॉक्टर
के पास एक बिहार राज्य का बैध का प्रमाण पत्र भी मिला,
जिसकी आड़ में क्लीनिक का संचालन किया जा रहा था।
लिए यूज
तहसीलदार ने बताया की उक्त क्लीनिक को अग्रिम आदेशों तक
सील कर दिया गया है साथ ही क्लीनिक संचालक के खिलाफ
क्लीनिकल एस्टेबलिशमेंट एक्ट 2010 के तहत कार्यवाही की
जा रही है।ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त में बताया की उक्त क्लीनिक
आठ से दस साल पूर्व से दुगड्डा के मोती बाजार में संचालित हो
रहा था, कई बार ग्रामीणों ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग व
स्थानीय प्रशासन से की, उक्त क्लीनिक कोविड महामारी के
दौरान ग्रामीणों से बुखार और खांसी की दवाई देने के एवज में
मोटी रकम वसूल रहा था। जानकारी के मुताबिक पूर्व में भी
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उक्त क्लीनिक पर छापे मारी की थी,
लेकिन लीपापोति कर क्लीनिक का संचालन जारी था।