ताऊ देवी लाल स्टेडियम स्थित वेदांता ग्रुप के अधूरे अस्थाई कोविड अस्पताल के चयन को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। क्योंकि इस स्थान का चयन करने वालों ने यह नहीं देखा कि थोड़ी सी बारिश होगी तो यहां जल भराव हो जाएगा। हुआ भी यही, दो दिन पहले हुई बारिश के कारण वहां जल भराव हो गया। जिसको लेकर प्रशासन की आलोचना होने लगी तो गेट पर ताला जड़ दिया गया। वहां तैनात सुरक्षा कर्मी का कहना है कि यह ताला जिला उपायुक्त के आदेश पर लगाया गया है।
बता दें कि रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वेदांता ग्रुप के सहयोग से बनाए जा रहे अधूरे इस अस्पताल का शुभारंभ करा दिया। वहां पर किसी दूसरे अस्पताल के बेड, ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर तथा अन्य उपकरण रखवा दिए थे। इतना ही नहीं बिजली के लिए वायरिंग तक नहीं हुई थी। जिसका खुलासा अगले दिन अमर उजाला ने किया था। देखा जाए तो एक सप्ताह दिन रात करके काम होता, तब जाकर इस अस्पताल को तैयार किया जाता। लेकिन बीच में ही बारिश ने और पोल खोल दी। बारिश के कारण पूरे परिसर में पानी भर गया।
सेक्टर-67 में एम-3-एम ग्रुप ने सरकार और वायु सेना के सहयोग से 150 बेड का अस्पताल शुरू किया है। जिसके प्रभारी कर्नल सुनील कुमार बनाए गए हैं। यहां पर अब तक 45 मरीज भर्ती हैं। यहां पर भर्ती करने के लिए मरीज की पॉजिटिव रिपोर्ट के साथ-साथ ऑक्सीजन लेवल 85 के साथ-साथ डायबिटीज 100 तक होनी चाहिए। इन्हीं शर्तों पर मरीज को भर्ती किया जा सकेगा। गंभीर मरीज भर्ती नहीं हो सकेंगे। इसके अलावा राजकीय कन्या इंटर कालेज स्थित होरी कंपनी के सहयोग से बनाए गए कोविड अस्पताल में सिर्फ चार मरीज भर्ती हैं। वहां के मरीज किसी दूसरे अस्पताल में भर्ती होना चाहते हैं। उन्हों ने खाना तथा अन्य सुविधाएं न मिलने की बात कही है।