कोरोनावायरस की दूसरी लहर काफी खतरनाक बताई जा रही है । लगातार कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है जो की चिंताजनक है । इसी स्थिति और परिस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने कक्षा एक से कक्षा 8 तक के समस्त निजी एवं प्राथमिक विद्यालयों में पिछले 24 मार्च से ही अवकाश कर दिया है । जिसको लगातार बढ़ाया ही जा रहा है अभी तक यह अवकाश 31 मार्च तक के लिए था उससे पहले इसको बढ़ाकर 4 अप्रैल किया गया और अब पुनः 11 अप्रैल तक छोटे बच्चों के स्कूल पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं । क्योंकि सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चे एवं बुजुर्ग व्यक्तियों को है । क्योंकि निश्चित रूप से उनकी इम्युनिटी काफी कमजोर होती है । इसीलिए इनको बचाने की विशेष जरूरत है । सबसे बड़ी बात यह है कि कोविड-19 की जो भी वैक्सीन आई हुई है वह सब 14 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए है । अभी 14 वर्ष से नीचे के बच्चों के लिए वैक्सीन भी नहीं आई है । इसीलिए विशेष रूप से इनको सुरक्षित एवं संरक्षित करने के लिए इनके जीवन बचाने के लिए सरकार के द्वारा छुट्टियों को बढ़ाया जा रहा है । लेकिन सरकार के आदेशों को अब निजी विद्यालयों के प्रबंध तंत्र नहीं मान रहे हैं । खुलेआम सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं जनपद में नौनिहालों के स्कूल धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं और जिले का शिक्षा विभाग कुंभकरणी की नींद में सोया हुआ है। जी हां हम बात कर रहे हैं अमेठी जिले की जहां पर पूरे जनपद में निजी प्राथमिक विद्यालय संचालित है सबसे बड़ी बात तो यह है कि जनपद मुख्यालय गौरीगंज जहां पर जिले के सभी आला अधिकारी बैठते हैं । उन्हीं के नाक के नीचे नन्हे मुन्ने बच्चे सुबह-सुबह बैग लेकर स्कूल जा रहे हैं । लेकिन किसी को भी दिखाई नहीं पड़ रहा है इस मामले में जब स्कूल के प्रिंसिपल से बात की गई तो उनका साफ तौर पर कहना है कि हम लोग सरकार के आदेशों को अब मानने के लिए मजबूर नहीं है । क्योंकि पिछले साल 18 मार्च से ही लगातार विद्यालय बंद चल रहे थे प्रतिवर्ष बच्चों को प्रमोट करना संभव नहीं है । इस समय विद्यालय में एडमिशन का कार्य चल रहा है इसीलिए हम लोगों ने विद्यालय खोल रखा है । ऐसे में जब उनसे छोटे बच्चों को कोविड-19 के प्रोटोकॉल की बात की गई तब उन्होंने कहा बच्चे मास्क लगाकर स्कूल आ रहे हैं जबकि वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि कुछ एक बच्चे ही मास्क लगाए हैं बाकी सब बिना मास्क के क्लास रूम में बैठे हुए हैं। ऐसे में कोविड-19 के साथ-साथ सरकार के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है।