खबर , उन्नाव से है जहां , गुरुवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे)-11 प्रहलाद टंडन को कोर्ट रूम में पीटने, मोबाइल छीनने और तोड़फोड़ के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। शुक्रवार को एडीजे ने राज्यपाल और हाईकोर्ट न्ययाधीश को चिट्ठी भेज स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी। यह चिट्ठी सोशल मीडिया वाइरल होने के बाद खलबली मच गई। शाम को उन्नाव पुलिस ने सदर कोतवाली में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष समेत 30 नामजद वकील और 200 अन्य अज्ञात के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली। एएसपी ने एफआईआर की पुष्टि की है।
आपको बता दें कि गुरुवार दोपहर एडीजे कोर्ट 11 में जज प्रहलाद टंडन के चैंबर में घुसकर वकीलों ने जमकर बवाल किया था । घटना के बाद वकील हड़ताल पर चले गए। जज प्रहलाद टंडन ने उन्नाव बार एसोसिएशन अध्यक्ष राम शंकर सिंह समेत 30 नामजद व 150 – 200 अन्य के खिलाफ सदर कोतवाली में तहरीर दी, जिसमें मारपीट ,गाली गलौज , लूट , सरकारी कार्य में बाधा समेत बातें लिखी गई । जिस पर जज व वकीलों के बीच सीधा टकराव होते देख देर गुरुवार शाम जिला जज ने दोनों पक्षों को बुलाया और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली , करीब एक घंटे चली बैठक के बाद दोनों पक्षों ने सुलह कर समझौता हो गया। समझौते की बात कैमरे पर खुद बार एसोसिएशन अध्यक्ष राम शंकर सिंह ने कही थी । वहीं गुरुवार की शाम ही जज प्रहलाद टंडन की कोतवाली एसएचओ को दी गई चिट्ठी सोशल मीडिया पर आ गई थी, लेकिन पुलिस ने बिना निर्देश ऐक्शन लेने से इनकार कर दिया था। इसके बाद शुक्रवार जज प्रहलाद टंडन ने राज्यपाल, इलाहाबाद हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार और जिला जज को एक चिट्ठी भेजी। इसमें लिखा कि पारिवारिक और व्यक्तिगत कारणों से वह सेवा करने में असमर्थ हैं। प्रार्थी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए इच्छुक है। उनके हस्ताक्षर से बाहर आई चिट्ठी से हड़कंप मच गया। आनन-फानन आला अधिकारियों से मिले आदेश के बाद शुक्रवार देर शाम बार एसोसिएशन अध्यक्ष समेत 30 नामजद वकीलों व 200 अन्य के खिलाफ मारपीट , लूट की धाराओं के अलावा 7 सीएलए में रिपोर्ट लिखी गई। वहीं जज की चिट्ठी से हड़कंप मच गया है । वकीलों पर मुकदमा दर्ज होने से जज प्रहलाद टंडन और वकीलों का विवाद लंबा खिचने के आसार दिखाई दे रहे हैं ।