वृन्दावन: कान्हा की नगरी होलिकोत्सव के रंग में डूबने को बेकरार है। लेकिन चंद पैसों के लालच में काले कारोबार के व्यापारी श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने की तैयारी कर रहे है। जबकि जिला प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी चुप्पी साधे बैठा है। धार्मिक नगरी में बुधवार से होली की रंगत शुरू हो रही है। जिसकी मस्ती में सराबोर होने को लाखों भक्त बेकरार हो रहे है। रंगों के इस त्यौहार में नगर का जर्रा जर्रा रंगमय होगा। लेकिन काले कारोबार के व्यापारी रंगों के पर्व पर लोगो के स्वास्थ्य से खिलवाड़ की तैयारी कर रहे है। भक्तो के खेलने वाले रंग गुलाल में बड़े स्तर पर मिलावट का खेल हो रहा है। एक तरफ सामाजिक रूप से प्राकृतिक रंगों व हर्बल गुलाल से खेलने का प्रचार प्रसार जोरो पर है। वही कुछ लोग मार्बल पत्थर , कांच, मिट्टी के बुरादे के मिश्रण से रंग गुलाल तैयार कर रहे है। जिसकी लागत 45 से 50 रुपये किलो पड़ती है।जबकि इसे बाजार में इससे कहीं ज्यादा कीमत पर बेचकर जबरदस्त मुनाफा कमाया जा रहा है। केशवधाम चौकी क्षेत्र स्थित गांव बुर्जा में जहाँ एक खाली प्लाट में मिलावटी रंग गुलाल बनाने का कारखाना धड़ल्ले से चल रहा है। वही धर्मेंद्र कुमार गुप्ता नामक युवक द्वारा बड़े पैमाने पर गुलाल को तैयार कर भारी मात्रा स्टॉक कर लिया गया है,जोकि फुटकर बिक्रेताओं द्वारा बाजारों में बिक्री किया जाएगा। मामला केवल मिलावट का नही बल्कि नाबालिग मजदूर भी कारखाने में काम करते दिखाई देखे जा सकते है। चिकित्सको के अनुसार मिलावटी रंग गुलाल से आंखों को तो गम्भीर खतरा है ही स्किन एलर्जी का खतरा भी बना रहता है। कई बार लोगो को उम्र भर इससे होने वाली बीमारियों से जूझना पड़ता है। यहां गौरतलब तथ्य यह है कि सरकारी महकमा सब कुछ कुछ जानते हुए भी चुप्पी साधे बैठा है।