छेड़खानी एवं अन्य धाराओ में आरोपी को 5-5 वर्ष की कठोर सजा एवं कुल तीस हजार के अर्थ दंड की सजा सुनाई
-सजा में दंड के पैसे जमा न करने पर दो महीने के अतिरिक्त कारावास की भी सजा सुनाई
-अर्थ दंड के 30000 में से 10000 पीड़िता को दिए जाने के दिए आदेश

मथुरा। विशेष नयायाधीश स्पेशल पॉस्को कोर्ट न्यायालय के विद्वान नयायाधीश हरविंदर सिंह ने छेड़खानी एवं अन्य धाराओं में आरोपी को दोष सिद्ध होने पर पांच-पांच वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई है एवं कुल तीस हजार का अर्थ दंड देने तथा अर्थ दंड ना देने पर दो महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है। अर्थ दंड के कुल तीस हजार मै से 10,000 रुपए पीड़िता को भी देने का आदेश दिया गया है। इस मामले की शासन की ओर से पैरवी स्पेशल पॉस्को कोर्ट न्यायालय की स्पेशल डीजीसी श्रीमती अलका उपमन्यु एडवोकेट द्वारा की गई।
मिली जानकारी के अनुसार इस मामले की सुनवाई स्पेशल पॉस्को कोर्ट न्यायालय मथुरा माननीय विशेष न्यायाधीश श्री हरविंदर सिंह की अदालत में हुई जहां बचाव और अभियोजन पक्ष की ओर से मामले में दलीलें दी गई।
शासन की ओर से इस मामले की पैरवी स्पेशल डीजीसी श्रीमती अलका उपमन्यु एडवोकेट द्वारा की गई जिस पर माननीय जज हरविंदर सिंह ने आज इस मामले में अदालत का निर्णय सुना दिया।
स्पेशल पॉस्को कोर्ट न्यायालय मथुरा में स्पेशल डीजीसी अलका उपमन्यु एडवोकेट ने जानकारी देते हुए बताया कि 12 मई 2018 में मथुरा जिले के मांट थाने में पीड़िता के पिता ने धारा 354, 452, आईपीसी 7/8 पॉस्को एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था पीड़िता के पिता ने रिपोर्ट में लिखा था कि वह जब भूसा लेने जंगल गया था घर में मेरी 15 वर्षीय बेटी अकेली थी तो समीप के शेरू पुत्र वहीद खान मेरे घर आया और घर में घुस आया और मेरी सोती हुई बेटी को बद नियति से पकड़कर छेड़खानी करने लगा उसके प्राइवेट पार्ट से छेड़खानी की तथा कपड़े फाड़ दिए। बेटी ने जब शोर मचाया तो पड़ोस में रहने वाले संजय पुत्र नन्हे खा अकील पुत्र भोला और इस्माइल आ गए और मेरी बेटी को बचाया उनको आता देख अभियुक्त शेरू घटनास्थल से भाग खड़ा हुआ। घटना की रिपोर्ट होने के बाद पुलिस ने अभियुक्त शेरू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, बाद में अभियुक्त जमानत लेने के बाद बाहर था जिसे आज जेल भेज दिया है। आज इस मामले में विद्वान नयायाधीश ने उपरोक्त निर्णय सुना दिया है।