भक्त और भक्ति के पुनर्स्थापन हेतु हुआ कृष्ण का जन्म – रसिया बाबा
मथुरा वृंदावन जब कभी भी सृष्टि में पापियों के पाप कर्म इतने बढ़ जाते हैं, कि वे संत स्वभाव के भक्तों को उनके भक्ति मार्ग में अवरोध का कार्य करने लगते हैं, तब भगवान मानव के रूप में जन्म लेकर दुष्टों का संहार करते हैं और अपने भक्त और उनकी भक्ति की पुनर्स्थापना करते हैं । उक्त विचार रसिया बाबा नगर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर व्यास पीठ पर विराजमान भागवत कथा प्रवक्ता रसिया बाबा ने श्री कृष्ण जन्म प्रसंग पर बोलते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने वामन अवतार कथा प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वामन अवतार में प्रभु ने अपने आकार को छोटा और बड़ा कर स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया कि भक्तों की आवश्यकता के अनुरूप ही वे अपना आकार परिवर्तित करते हैं। चतुर्थ दिवस की कथा में भगवान श्री राम कथा प्रसंग और भगवान श्री कृष्ण जन्म एवं नंदोत्सव आयोजन का बहुत सुंदर वर्णन भी किया। नंदोत्सव आयोजन में कथा प्रवक्ता रसिया बाबा ने व्यास पीठ से खिलौने, मिठाइयां, टॉफी, बिस्किट, सहित अन्य बच्चों की वस्तुओं को भक्तों में लुटाया। भक्तों ने, विशेषकर माता – बहनें और उनके साथ आए बच्चों ने भी प्रसाद को जमकर लूटा और आनंद लिया। इससे पूर्व शरणागति परिवार के अध्यक्ष रसिया बाबा ने प्रभु श्री श्रीनाथ जी प्यारे की अष्ट्याम सेवा के अंतर्गत सायंकालीन सेवा एवं पूजन अर्चन कर कथा का शुभारंभ किया।

मथुरा , उत्तर प्रदेश से अमित की रिपोर्ट
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