श्री हेमकुंट साहिब के लिए रोपवे परियोजना श्री करतारपुर कॉरिडोर और वीर बल दिवस के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से सिख समुदाय को एक और बड़ा उपहार : संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा

अमृतसर, पंजाब। दमदमी टकसाल के प्रमुख एवं संत समाज के अध्यक्ष संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने उत्तराखंड में गुरुद्वारा श्री गोबिंदघाट से श्री हेमकुंट साहिब तक 2,730 करोड़ रुपये की लागत से 12.4 किलोमीटर रोपवे परियोजना को मंजूरी देने तथा महाराष्ट्र में सिख आनंद कार्य मैरिज एक्ट को लागू करने के लिए उठाए गए ऐतिहासिक कदम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस का हार्दिक आभार व्यक्त किया है तथा समस्त नानक नाम लेवा संगत को बधाई दी है। दमदमी टकसाल के प्रमुख ने कहा कि श्री हेमकुंट साहिब के लिए रोपवे परियोजना श्री करतारपुर कॉरिडोर और वीर बल दिवस के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ओर से सिख समुदाय को एक और बड़ा उपहार है, जो सिख समुदाय के प्रति उनकी ईमानदारी का प्रमाण है। जिसकी सभी को सराहना और सराहना करनी चाहिए। समुद्र तल से 13650 फीट ऊपर स्थित अत्यंत सुन्दर एवं मनोरम स्थान श्री हेमकुण्ड साहिब, श्री दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज की पूर्वजन्म की तपस्थली है। इसी कारण सिख समुदाय में इसके प्रति गहरी श्रद्धा और आस्था है। रोपवे के पूरा होने से यात्रा का समय कम हो जाएगा और जो श्रद्धालु उम्र या शारीरिक सीमाओं के कारण पैदल या घोड़े की सवारी करने में असमर्थ हैं, वे भी आसानी से श्री हेमकुंट साहिब के दर्शन कर सकेंगे।दमदमी टकसाल के प्रमुख ने सिख आनंद कारज विवाह अधिनियम को कानूनी मान्यता देने और इसे तुरंत पूरे राज्य में लागू करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रशंसा की, उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव के दौरान भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन का सिख समुदाय द्वारा किए गए समर्थन दौरान सिख समुदाय से किया वादा पूरा किया। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर सिख आनंद कारज विवाह अधिनियम के कार्यान्वयन से अब सिख समुदाय के विवाह पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है तथा विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया आसान और अधिक जवाबदेह हो गई है। दमदमी टकसाल के प्रमुख ने महाराष्ट्र राज्य पंजाबी साहित्य अकादमी के कार्यकारी अध्यक्ष मलकीत सिंह बल, 11 सदस्यीय सिख समन्वय समिति के प्रमुख भाई जसपाल सिंह सिद्धू और राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य चरणदीप सिंह हैप्पी द्वारा उक्त अधिनियम को लागू करने में निभाई गई भूमिका की सराहना की। स्मरण रहे कि उपरोक्त समितियों और संस्थाओं में सिखों का प्रतिनिधित्व टकसाल के प्रमुख संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा द्वारा श्री गुरु अंगद देव जी और श्री गुरु अमरदास जी के 29 सितंबर 2024 को नवी मुंबई में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाए गए शताब्दी गुरुपर्व के अवसर पर सरकार से प्राप्त किए गए मान्यता के कारण यह संभव हुआ कि आज ये समितियां महाराष्ट्र सरकार में अपनी प्रत्यक्ष और प्रभावी भूमिका निभा रही हैं।

विक्रम शर्मा
अमृतसर, पंजाब, ब्यूरो रिपोर्ट
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