संविद् गुरुकुलम्, मथुरा वृंदावन, ऒर सोलन हिमाचल प्रदेश मे व्यावहारिक शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है- रविंद्र आर्य

संविद् गुरुकुलम्, मथुरा वृंदावन, में पहला बालिकाओं का स्कूल है। ऒर सोलन हिमाचल प्रदेश मे भी स्थित है। यह गुरुकुल अपनी समग्र शिक्षा प्रणाली, गुरु-शिष्य परंपरा, प्राकृतिक वातावरण, और व्यावहारिक शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर बालिकाओं को शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक विकास के अवसर प्रदान किए जाते हैं, जिससे वे एक संतुलित और आत्मनिर्भर जीवन जीने के लिए तैयार हो सकें।
संविद् गुरुकुलम् की विशेषताओं का लेखा-जोखा:
समग्र शिक्षा: यहाँ पर शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक शिक्षा का समन्वय किया जाता है। विद्यार्थी न केवल अकादमिक ज्ञान प्राप्त करते हैं बल्कि योग, ध्यान, और संस्कृत जैसी परंपरागत विधाओं का भी अध्ययन करते हैं।
गुरु-शिष्य परंपरा: प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणाली को अपनाते हुए, संविद् गुरुकुलम् में गुरु और शिष्य के बीच घनिष्ठ संबंध स्थापित किया जाता है। यह व्यक्तिगत मार्गदर्शन और नैतिक शिक्षा पर बल देता है।
प्राकृतिक वातावरण: गुरुकुलम् का परिसर प्राकृतिक वातावरण में स्थित होता है, जो विद्यार्थियों को शांत और एकाग्रचित्त बनाए रखने में सहायक होता है। प्राकृतिक संसाधनों और हरियाली से परिपूर्ण यह वातावरण छात्रों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होता है।
व्यावहारिक शिक्षा: यहाँ पर छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान भी प्रदान किया जाता है। कृषि, हस्तकला, और अन्य जीवनोपयोगी कौशलों की शिक्षा दी जाती है, जिससे विद्यार्थी जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बन सकें।
अनुशासन और नैतिकता: संविद् गुरुकुलम् में अनुशासन और नैतिक मूल्यों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। विद्यार्थी अनुशासित जीवन जीना सीखते हैं और नैतिकता के उच्च मानकों का पालन करते हैं।
छोटे वर्ग आकार: प्रत्येक कक्षा में सीमित संख्या में विद्यार्थी होते हैं, जिससे व्यक्तिगत ध्यान और शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार होता है। यह विद्यार्थियों की समस्याओं और आवश्यकताओं को बेहतर तरीके से समझने और समाधान प्रदान करने में मदद करता है।
सांस्कृतिक समृद्धि: यहाँ पर भारतीय संस्कृति और परंपराओं का विशेष महत्व दिया जाता है। त्योहारों, धार्मिक आयोजनों, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ा जाता है।
समुदाय भावना: संविद् गुरुकुलम् में समुदाय और सहयोग की भावना को बढ़ावा दिया जाता है। विद्यार्थी एक-दूसरे के साथ मिलकर कार्य करना और सामूहिक हितों के लिए प्रयास करना सीखते हैं।
इन विशेषताओं के कारण संविद् गुरुकुलम् एक उत्कृष्ट शिक्षा संस्थान के रूप में जाना जाता है, जो अपने विद्यार्थियों को सम्पूर्ण और संतुलित विकास प्रदान करता है।
संविद् गुरुकुलम् सोलन, हिमाचल प्रदेश के टीम लीडर – जीपी कैप्टन एमवीआर भरत (सेवानिवृत्त) ) ने भारतीय वायुसेना में 27 वर्षों से अधिक की निर्धज्ज सेवा दी है। वह एक पूर्व एनडीए अधिकारी हैं जो फ्लाइंग ब्रांच (एफ एन ) में नियुक्त थे और उन्होंने अच एस -748, ए एन -32 और बी -737 हवाई जहाज उड़ाए हैं। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और वायु सेना अकादमी में अनुदेशात्मक कार्यकाल के साथ एक योग्य नौसेना प्रशिक्षक हैं। वह एक योग्य समूह परीक्षण अधिकारी हैं जिन्होंने दो चयन बोर्डों और डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोलॉजिकल रिसर्च (डीआरडीओ) में भी सेवा की है।
हाल ही में एक शिविर में संविद् गुरुकुलम् गर्ल्स सैनिक स्कूल वृंदावन ने भी सीएटीसी 31 एनसीसी शिविर में मारी बाजी मारी थी।
वृंदावन स्थित संविद् गुरुकुलम् गर्ल्स सैनिक स्कूल ने हाल ही में 11 उत्तर प्रदेश बटालियन एनसीसी (11 यूबीएन एनसीसी ) द्वारा आयोजित सीएटीसी 31 एनसीसी शिविर में अपनी प्रतिभा का परचम लहराया था। इस शिविर का आयोजन ओडी परिसर में किया गया था, जहां लगभग 12 विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने भाग लिया था।
संविद् गुरुकुलम् ने विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए कुल 19 पदक जीते थे। वॉलीबॉल प्रतियोगिता में विद्यालय की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि रस्साकशी (टग ऑफ वॉर) में दूसरा स्थान हासिल किया था। इन उपलब्धियों के फलस्वरूप विद्यालय को 9 स्वर्ण और 10 रजत पदक प्राप्त किए थे।
इस सम्मान समारोह में कैंप कमांडेंट कर्नल रजत पांडे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने विजेता विद्यार्थियों को पदक और प्रमाणपत्र प्रदान किए थे। कर्नल पांडे ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों के अनुशासन, परिश्रम और टीम भावना की प्रशंसा की और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
संविद् गुरुकुलम् की प्रधानाचार्या ने भी विद्यार्थियों की इस अप्रतिम उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया और उन्हें और अधिक ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रेरित किया। विद्यालय की खेल प्रशिक्षक और सीटीओं /एएनओ नंदनी सुगंध ने विद्यार्थियों को इस उपलब्धि तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने विद्यार्थियों के कठिन परिश्रम और समर्पण की सराहना की और उन्हें भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार रहने की प्रेरणा दी।
विद्यालय की इस अनुपम उपलब्धि पर विद्यालय परिसर में उत्सव का माहौल था, और सभी ने मिलकर इस सफलता का उत्सव मनाया था।

लेखक
रविंद्र आर्य