वैदिक मंत्रोच्चार और विधि-विधान के साथ खुले बद्रीनाथ के कपाट

उत्तराखंड। केदारनाथ के बाद अब उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम के भी कपाट खुल गए हैं। रविवार सुबह 6 बजे वैदिक मंत्रोच्चार और ‘बद्री विशाल लाल की जय’ के नारों के बीच श्रद्धालुओं के लिए बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं। इसके मद्देनजर बद्रीनाथ धाम को खूबसूरत फूलों से सजाया गया है। ब्रह्ममुहूर्त में गणेश और द्वार पूजा की गई। इस दौरान सेना के बैंड की मधुर धुनों के बीच श्रद्धालुूओ ने भगवान बद्री विशाल के जयकारे भी लगाए । मंदिर में पहले दिन ही दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। इसलिए सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं।

मुख्य पुजारी वीसी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में भगवान बद्रीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए सबके लिए मंगलमय की कामना की। इसके साथ ही 2024 की चारधाम यात्रा मे आज से भगवान बद्रीनाथ धाम की यात्रा भी शुरू हो गई है। बीटी शाम से ही पूरे मंदिर और परिसर को लगभग 15 कुंतल फूलों से सजाया गया। हल्की बर्फबारी व बारिश के बीच सेना की टुकडी ने बैण्ड की मधुर धुन और स्थानीय महिलाओं के पारंपरिक संगीत व नृत्य के साथ भगवान बद्रीनाथ की स्तुति ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देशों के अनुरूप बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर तीर्थ यात्रियों के स्वागत में हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा से श्रद्वालु गदगद हो उठे। कपाट खुलने के एक दिन पूर्व से ही बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। पहले दिन ही हजारों श्रद्धालुओं ने बद्रीनाथ में अखण्ड ज्योति एवं भगवान श्री बद्रीनाथ के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ एवं बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है।कपाटोद्घाटन के अवसर पर श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने कहा कि श्रद्धालुओ के आगमन पर उनका स्वागत है सावधानी बरत कर और मौसम अपडेट के अनुसार वह यात्रा पर आएं। समिति और सरकार द्वारा श्रद्धालुओ के सहूलियत के लिए हर सम्भव प्रयास किये जायेंगे।

उत्तराखंड, ब्यूरो रिपोर्ट
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