बूंगा गांव में पांडव लीला में चक्रव्यूह भेदन और गैंडा कौथीक देखने उमड़ा पांडव श्रद्धालुओं का हूजूम।
चमोली,उत्तराखंड। खबर चमोली जिले के दूरस्थ और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण ग्राम सभा बूंगा की है जहां एक दिसंबर से लेकर 11 दिसंबर तक आयोजित पांडव लीला में शनिवार को अर्जुन द्वारा पांडु राजा के श्राद्ध करने के लिए नागलोक में नागार्जुन द्वारा रचित चक्रव्यूह भेदकर उसके गेंडे का वध कर लाया गया जिसके मंचन को देखने के लिए हजारों की संख्या में पांडव भक्तों ने बूंगा गांव पहुंचकर अपनी हाजिरी लगाकर पांडवों की पूजा अर्चना कर मनौतियां मांगी।
यूं तो उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से ही जाना जाता है जहां कण कण में देवी देवताओं का वास रहता है तो ऐसे में यहां की देव संस्कृति ही अनूठी और आदिकाल से चली आ रही मान्यताओं की सैकड़ों मिशालें देवी देवताओं के पूजा अर्चना करने के आयोजनों के अवसर पर देखने व जानते के लिए मिल जाते हैं। यहां मानव,प्रकृति और देवी देवताओं का परस्पर आपस में आस्था और विश्वास का अटूट संबंध देखने को मिलता है इसीलिए मान्यताओं के साथ हर मौसम में यहां देवी देवताओं और प्रकृति का आह्वान कर उनकी विभिन्न रीति-रिवाजों के साथ पूजा जाता है। यहीं सिलसिला आजकल उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में पांडव देवताओं को प्रसन्न करने का चल रहा है।इसी क्रम में हमने अपने दर्शकों को पहले भी विभिन्न क्षेत्रों की पांडव लीला मंचनों से रूबरू कराया।
संदीप कुमार पटवाल
संयोजक-पांडव लीला कमेटी
अनीता देवी, ग्राम प्रधान
नारायणबगड़ विकासखंड के दूरस्थ एवं प्राकृतिक रमणीकता से अच्छादित गांव बूंगा की जहां दिसंबर से लेकर 11 दिसंबर तक पौराणिक पांडव लीला का आयोजन किया जा रहा है वहीं पांडव लीला कमेटी के द्वारा शनिवार को चक्रव्यूह भेदन तथा गेंडे वध का आयोजन किया गया। यहां के ऐतिहासिक गेंडा वध को देखने के लिए दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। पांडव लीला कमेटी के अध्यक्ष रघुवीर सिंह नेगी एवं संयोजक संदीप कुमार पटवाल ने बताया कि 11 दिनों तक चलने वाली पांडव लीला में पांडव लीला कमेटी के द्वारा अनेक प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
संगीता देवी
महिला-मंगल दल
पांडव लीला में हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं में से सैकड़ों की संख्या में बूंगा गांव के महिला मंगल दल,युवक मंगल दल एवं किशोरी दल के सदस्यों ने गांव में ही बेसुमार उत्पादित होने वाले दूध ,घी,दही,मक्खन के साथ भोजन परोसकर अनुपम आतिथ्य सत्कार से सबको अपना कायल बना दिया।आज रविवार को पवित्र गंगा स्नान करने के बाद हवन आदि पूजा अर्चना करने के उपरांत ब्रह्मभोज और प्रसाद वितरण के साथ ही पांडव लीला का विधि-विधान पूर्वक समापन हो जायेगा।
उत्तराखंड, ब्यूरो रिपोर्ट
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