रैपिड चलने को तैयार, मेट्रो रेल सेफ्टी से हरी झंडी का इंतजार
उत्तरप्रदेश न्जूज डेस्क रैपिड रेल के प्राथमिक खंड पर परिचालन के सिस्टम तैयार कर लिए गए. रात में भी रेल को 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से परीक्षण सफलतापूर्वक कर लिया गया.
अब कमिश्रर ऑफ मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) से हरी झंडी मिलने का इंतजार है, वहां से अनुमति मिलते ही ट्रेन चलाने की तिथी तय होगी. फिलहारैपिड रेल परिचालन मुश्किल है. यात्रियों को रैपिड में सफर करने के लिए अप्रैल या मई तक इंतजार करना पड़ सकता है.
दिल्ली- गाजियाबाद- मेरठ कॉरिडोर पर रैपिड रेल का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. मेरठ तक 82 किलोमीटर लंबे खंड में 10 हजार से ज्यादा मजदूर निर्माण कार्य में जुटे है. मेरठ में चार सुरंग तैयार है. साहिबाबाद में भी सुरंग बनाने का काम तेजी से चल रहा है. वहीं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने प्राथमिक खंड साहिबाबाद से दुहाई तक रैपिड रेल चलाने के सभी सिस्टम तैयार कर लिए है.
ट्रैक के साथ सिग्नल का परीक्षण भी पूरा हो गया है. सिग्नल नियमित रुप से काम कर रहे है. प्राथमिक खंड के पांचों स्टेशन पर स्क्रीन डोर लगा दिए है. यह स्क्रीन डोर ट्रेन के स्टेशन पर आने के बाद ही खुलेंगे. यह ट्रायल भी कर लिया गया. एनसीआरटीसी का दावा है कि परिचालन से पहले की सभी तैयारी पूरी हो गई है. अब सीएमआरएस से हरी झंडी मिलने का इंतजार किया जा रहा है. इसके लिए आवेदन कर दिया गया है. उम्मीद है कि सीएमआरएस जल्दी कॉरिडोर का निरीक्षण कर सकता है. रात में भी 180 की रफ्तार से दौड़ी रेल रैपिड रेल को रात के समय ट्रैक पर 180 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ाया गया. रात के समय भी कोई तकनीकी खामी सामने नहीं आ सकी. दो स्टेशन के बाहर सड़क और पार्किंग तैयार कर ली है. सभी स्टेशन पर लिफ्ट और सीढ़िया तैयार है.
ब्यूरो रिपोर्ट
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