एमएमएच कॉलेज में परीक्षा में फेल होने पर प्रदर्शन करते छात्र-छात्राएं
गाजियाबाद। चौ, चरण सिंह विश्वविद्यालय के सत्र 2021-2022 में बीएससी प्रथम औऱ द्वितीय सेमेस्टर में फेल होने से नाराज एमएमएच डिग्री कॉलेज के विद्यार्थियों ने सोमवार को जमकर हंगामा काटा।
नारेबाजी करते हुए बीएससी तृतीय सेमेस्टर के छात्र-छात्राएं प्राचार्य कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। करीब एक घंटे बाद प्राचार्य प्रो. पियूष चौहान के आश्वासन के बाद विद्यार्थियों का गुस्सा शांत हुआ। इस दौरान कुछ छात्र बेहोश हो गए। साथियों ने उन्हें पानी के छींटे मारकर होश में लाए।
बीते साल नई शिक्षा नीति (एनईपी) लागू होने के सवा साल के बाद सीसीएसयू ने परिणाम घोषित किया। एमएमएच के बीएससी तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन और विश्वविद्यालय की लापरवाही के कारण 300 से अधिक विद्यार्थी फेल हो गए हैं। कॉलेज स्तर से गणित और भौतिक विज्ञान में विद्यार्थियों को आंतारिक परीक्षा में 25 में से 18 से अधिक अकं प्राप्त हुए, जबकि लिखित परीक्षा में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओँ के 75 में से शून्य अंक आए है।
ऐसे में विश्वविद्यालय की कॉपियों की जांचने की प्रक्रिया पर फेल छात्र सवाल उठा रहे हैं। वहीं आंतरिक कंप्यूटर, माइक्रो बायोलॉजी सहित कुछ अन्य विषय की आंतरिक परीक्षा में छात्र-छात्राओं के शामिल होने के बावजूद उन्हें अनुत्तीर्ण दर्शाकर फेल कर दिया गया है। ऐसे में विद्यार्थियों की मांग उनका परिणाम ठीक कराने के साथ फिर से कॉपियों की जांच कराने की है।
रिकॉर्ड सहित शिक्षकों को विवि भेजा
एमएमएच कॉलेज के प्राचार्य प्रो. पियूष चौहान का कहना है कि आंतरिक परीक्षाएं देने के बावजूद तमाम विद्यार्थियों को परिणाम में अनुपस्थित दिखाकर फेल किया गया है। ऐसे में विद्यार्थियों की मांगे सुनकर विषयवार आंतरिक परीक्षाओं का पूरा रिकॉर्ड लेकर शिक्षकों को विश्वविद्यालय भेजा गया है। ऐसे में आंतरिक परीक्षाओं के रिजल्ट में जल्द सुधार होने की संभावना है। लिखित परीक्षा में विद्यार्थियों के शून्य अंक आने पर विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखकर दोबारा से कॉपियों का मूल्यांकन कराने की मांग की गई है।
कोट
प्रति विषय 3000 फीस, कैसे भरेंगे
बीएससी की छात्रा ईशा का कहना है कि विश्वविद्यालय में बात करने पर कॉपियों से फिर से जांचने का सुझाव दिया गया। प्रति विषय दोबारा कॉपी जांचने की फीस 2600 से 3000 के बीच हैं। ऐसे में दोबारा मूल्यांकन की मोटी फीस कहां से लाएंगे।
अगले माह से तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं
बीएससी की छात्रा कुमकुम का कहना है कि तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं अप्रैल माह से प्रस्तावित हैं। अब तक उन्हें कहींं से राहत नहीं मिली है। अब अगर दोबारा से कॉपियां जांचने में देरी होती है तो उनका भविष्य अधर में लटक जाएगा।
ब्यूरो रिपोर्ट
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