वार्ड नंबर 23 के मौजूदा पार्षद (सुरेन्द्र कुमार) हुऐ जनता के सामने फैल
गाजियाबाद :- स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 की रैंकिंग मैं गाजियाबाद प्रदेश का पहला और देश का भारत सबसे स्वच्छ शहर बना था, जिसमें प्रदेश की राजधानी लखनऊ को भी गाजियाबाद ने पछाड़ दिया था शहर को स्वच्छ रखने के लिए यहां कई सारी एविटविटीज भी होती रहती है इसके बावजूद जमीनी हकीकत बहुत सारे सवालों को खोज लाती है गाजियाबाद नामा आपके सामने लेकर आ रहा है गाजियाबाद के वार्डओ का लेखा जोखा। गाजियाबाद के पार्षदों का 5 साल का रिपोर्ट कार्ड देखिए पार्षद फेल होते हैं या पास जनता के जुबानी।
गाजियाबाद नामा संवादाता मानसी झा गाजियाबाद के कैलाश नगर वार्ड नंबर 23 के पार्षद श्री सुरेंद्र कुमार के 5 सालों का लेखा-जोखा लेने पहुंची जनता के पास उनसे बात की और उनकी समस्याओं को जानी।
वार्ड नंबर 23 के ही स्थानीय निवासी का कहना था कि 5 सालों में पार्षद जी ने वार्डों में झांका तक नहीं 5 सालों में किसी भी तरीके का विकास नहीं कराए नाली पूरी तरह भरी पड़ी है ना ही तो यहां पर साफ सफाई के लिए कोई सरकारी कर्मचारी आते हैं जब भी हम अपनी समस्याओं को लेकर के पार्षद जी के पास जाते हैं तो इनका क्या ना होता है कि तुमने हमें वोट ही नहीं दिया है और पार्षद जी 5 सालों में किसी भी तरह के का उन्होंने विकास नहीं कराया है जो स्थिति 5 साल पहले की थी वही स्थिति अब की है ना ही तो साफ सफाई को लेकर के पार्षद ने काम करवा है ना ही नालियों की सफाई करवाई है साथ ही इनका कहना था कि डेंगू के बीमारी के लिए पार्षद के द्वारा कोई छिड़काव भी नहीं किया जाता है
वार्ड नंबर 23 के ही स्थानीय निवासी दीपाली का कहना था कैलाश नगर में साफ सफाई की सबसे ज्यादा समस्या है ना ही तो यहां पर कूड़े उठाने वाले कोई सरकारी कर्मचारी आते हैं और ना ही जा पकोड़े की गाड़ी आती है 5 साल में किसी भी तरीके का पार्षद जी ने विकास नहीं करवाया है और जब अपनी समस्याओं को लेकर के पार्षद के पास जाते हैं तो पार्षद जी कहते हैं कि पहले पैसे दो उसके बाद आपकी समस्या को हम सुनेंगे
वार्ड नंबर 23 के ही स्थानीय निवासी चंद्र गुप्ता का कहना था कि कैलाश नगर की गली के अंदर बीजेपी के अगर कार्यकर्ता होते हैं तो वह गली साफ-सुथरी होती है उस गली में अब कोई समस्या नहीं होती है जिस गली में बीजेपी के कार्यकर्ता नहीं है वह गली पूरी तरह से बेकार है कूड़े कचरे का ढेर जमा हुआ है और इन कूड़े कचरे को उठाने के लिए ना ही तो सफाई कर्मचारी आते हैं और ना ही यहां पर कूड़े की गाड़ी आती है यह सारी समस्या कैलाश नगर के मोहल्ले के अंदर है इन सारी समस्याओं से मोहल्ले के लोगों को जूझना पड़ता है और जब भी समस्याओं को लेकर के हम पार्षद के कार्यालय पर जाते हैं तो पार्षद जी सुनके अनसुनी कर देते हैं और साथ ही उनका कहना होता है कि अगर आपको अपनी समस्याओं का समाधान करवाना है तो पहले पैसे दो उसके बाद समस्याओं का समाधान करेंगे।
वार्ड नंबर 23 के स्थानीय निवासी महिला का कहना था कि यहां पर सड़के की हालत बहुत खराब है ना ही तो यहां पर लाइट की व्यवस्था ठीक है और जब भी हम रात में घर से निकलते हैं तो अंधेरे होने के चक्कर में यहां पर काफी लोग गिर गए हैं और काफी गहरी चोट भी लग गई है यह सब पार्षद को नहीं दिखता और जब पार्षद के पास जाते हैं समस्या को लेकर के तो वह सुनते नहीं है
वार्ड नंबर 23 स्थानीय निवासी पूनम का कहना था कि एक पूरे को 1 महीने हो जाते हैं कोई सफाई कर्मचारी आता ही नहीं है उठाने के लिए पार्षद के पास जाते हैं समस्याओं को लेकर के तौर का कहना होता है कि पैसे दो उसके बाद समस्या का समाधान होगा हर चीज पैसे से होगा अगर पैसे नहीं दोगे तो समस्या का समाधान नहीं होगा।
वही वार्ड 23 के ही स्थानीय निवासी भीम सिंह का कहना था कि यह कांग्रेस पार्टी के पार्षद है तभी इन्होंने काम नहीं कराया है जिस तरीके का काम कराना चाहिए था वह नहीं कर पा रहे हैं उनका कहना था कि यहां के जो मौजूदा पार्षद है उन्होंने 5 सालों में विकास तो कराया है लेकिन जिस तरीके का विकास करवाना चाहिए वह विकास नहीं करवा पाए हैं जब भी हम अपनी समस्याओं को लेकर के जाते हैं इनके कार्यालय पर तो यह समस्याओं का समाधान तो करते हैं लेकिन जिस तरीके का करना चाहिए समाधान उस तरीके से नहीं कर पाते हैं समस्याओं का समाधान करने में समय लगाते हैं जल्दी से जल्दी समस्या का समाधान नहीं कर पाते।
वार्ड 23 के ही स्थान निवासी राजू का कहना था कि 5 सालों में यहां के जो मौजूदा पार्षद है उन्होंने काफी तरीकों से विकास कराया है हम लोगों को किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है जब भी अपनी परेशानियों को उनके पास लेकर के चाहते हैं तो यह जल्दी से जल्दी उन समस्याओं का हल करते हैं पहले वह दिखाते में काफी समस्याओं का लोगों को सामना करना पड़ता था लेकिन अब समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है जल्दी से जल्दी यहां के मौजूदा पार्षद समस्याओं का हल करते हैं यहां पर लाइटिंग की व्यवस्था भी काफी ज्यादा ठीक है साथी पानी भी यहां पर ठीक आता है और लड़के भी काफी ज्यादा ठीक है।
वार्ड नंबर 23 के ही स्थानीय निवासी का कहना था कि विकास तो कुछ मेरे समझ में नहीं आया कि किस तरीके का विकास करवाया है यहां के पार्षद ने इनका कहना है था कि जब से यह रोड बनी है तब से और ज्यादा समस्या बढ़ गई है और इतनी ज्यादा समस्या बढ़ गई है नालिया जो बनाई गई है उन्होंने नालियों में जो भी खर्च किया है वह मेरे समझ नहीं आया मुझे नहीं पता किस तरीके का काम करवाया यहां के पार्षद जी ने बिल्कुल ऐसी बनी है नालियां जो बार-बार टूट जा रही है सड़के ऐसी बनी है जो बार-बार मरम्मत मांग रही है कई लोगों का इससे ज्यादा काफी ज्यादा नुकसान भी हो रहा है नाली पूरी तरह से भर जाती है बार-बार और इसको साफ करने के लिए सफाई कर्मचारी भी नहीं आते हैं और इससे गोविंदपुरम के लोग काफी ज्यादा बीमार भी पड़ रहे हैं यह सब पार्षद जी को नहीं दिखता है और जब अपनी समस्याओं को लेकर के उनके पास जाते हैं तो वह सुनते ही नहीं है साथ ही इनका कहना था कि अपने कार्यालय पर होते भी है पार्षद जी लेकिन होने के बावजूद भी मना कर देते हैं कि पार्षद इस वक्त मौजूद नहीं अपने कार्यालय पर 5 सालों में पार्षद जी ने किसी भी तरीके का विकास नहीं करवाया है जो स्थिति 5 साल पहले की थी वही स्थिति अब की है
वार्ड नंबर 23 के ही स्थानीय निवासी यूपी सिन्हा का कहना था कि यहां पर सबसे ज्यादा समस्या सीवर और नाली की है सीवर हमेशा खराब रहता है और नालियां हमेशा भरी रहती है सरकारी कर्मचारी यहां पर नहीं आते हैं नालियों की साफ सफाई के लिए और सर्दी की स्थिति भी काफी ज्यादा बेकार है मुझे काफी साल हो गए हैं गोविंदपुरम में रहते रहते लेकिन मैंने अभी तक यहां के पार्षद को देखा ही नहीं है कि पार्षद है कौन पार्षद आते ही नहीं है यहां पर लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए
वार्ड नंबर 23 के ही स्थानीय निवासी सूरज का कहना था कि काम तो करते हैं लेकिन काम करने के लिए उनको याद दिलाना पड़ता है पार्षद जी को हमें बार-बार अपनी समस्याओं को बताना पड़ता है कि यह समस्या है पार्षदों समस्याओं को देखते नहीं है लेकिन जिस तरीके का काम होना चाहिए उस तरीके का काम नहीं करते हैं काम बहुत धीरे-धीरे करते हैं
वार्ड नंबर 23 के ही स्थानीय निवासी सीमा का कहना था कि मुझे काफी समय हो गए हैं गोविंदपुरम में लेकिन किसी भी तरह के का कोई सुविधाएं नहीं है यहां पर लाइटिंग सारी खराब पड़ी हुई है रात मैं सड़कों पर अंधेरा होता है लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है और अंधेरे होने के चक्कर में चोरी काफी ज्यादा होती है साथी सीमा का कहना था कि गोविंदपुरम में चोरों का आतंक इतना ज्यादा है आए दिन यहां पर चोरी होती ही रहती है इसको लेकर के पार्षद जी किसी भी तरह के का काम नहीं करवाते हैं किसी भी तरह के तरीके का लोगों की समस्याओं को नहीं सुनते हैं
ब्यूरो रिपोर्ट
समय भारत 24×7