अंखड ज्योती जलाते समय इन बातो का रखे ध्यान

मां के समक्ष अंखड ज्योति जलाने से पहले मन में ज्योति जलाने का सकल्प लें और मां से इसे पूरा करने का आशार्वाद मांगे. इसके बाद शिव जी , मां दुर्गा, गणेश जी की आराधना करें फिर इसके बाद ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोSस्तुतें मंत्र का जाप करने से लाभ होगा.

अखंड दीपक सदैव चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर या पटरी पर ऱखकर जलाए.यदि आप अपनी अंखड ज्योती माता के सामने जामने जमीन पर ऱख रहे है. तो उसके नीचे अष्टदल बनाएं और दीपक जलाएं है. बता दे कि अष्टदल हमेशा पीले रंग के चावल या फिर गुलाल से बनाया जाता है. अंखड ज्योती की बाती हमेशा पीले रंग के चावल या फिर गुलाल से बनाया जाता है. अंखड ज्योति बाती हमेशा रक्षा सूत्र या फिर कलावा से बनाएं.

अखंड ज्योति हमेशा जलाते समय घी का ही इस्तेमाल करें अगर घी नही है. तो सरसो का तेल या फिर तिल के तेल का भी इस्तेमाल किया जाता है. आपको बता दे कि दीपक हमेशा दाई औऱ ऱखा जाता है. वहीं तेल का दीपक बाई और रखा जाता है.पीतल का दीपक नहीं है तो मिट्टी के दीपक का इस्तेमाल किया जा सकता है.

वास्तु शास्त्रो के अनुसार मां के सामने जलने वाले दीपक आग्रेय कोण में रखना शुभ माना जाता है. और अंखड ज्योती बार-बार न बदले. दीपक से दीपक भी न जलाए. कहते है. कहते कि अगर आप ऐसा करते है तो रोग की बढोतरी होती है. अंखड ज्योती को कभी फूंक मारकर या फिर खुद से नही बुझाना चाहिए. बल्कि इसे खुद से ही बुझने देना चाहिए.

ब्यूरो रिपोर्ट
समय भारत 24×7

Ankit Sah
Author: Ankit Sah

Freelance Web Editor in SamayBharat24x7

By Ankit Sah

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