अपनी ही पार्टी में घिरते नजर आ रहे है स्वामी प्रसाद मौर्य

रामचरित मानस पर टिप्पणी करके सवालों के घेरे में आए स्वामी प्रसाद मौर्य जहां एक तरफ विपक्षी दलों से दो-दो हाथ करने की रणनीति बना रहे हैं तो वहीं उन्हीं की पार्टी के नेता उनकी सियासी मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। अखिलेश यादव के लिए भी यह विषय चिंता का है क्योंकि पार्टी नेताओं की नाराजगी अब खुले मंच पर नजर आने लगी है। इस बार समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता और विधानसभा चुनाव में इलाहाबाद पश्चिम से सपा की प्रत्याशी रहीं ऋचा सिंह ने मोर्चा खोला है। उन्होंने ट्विटर पर कई ट्वीट्स किए हैं, जिसमें वह रामचरित मानस विवाद को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य का विस्तृत घेराव करती नजर आ रही हैं। 

अपने ताजे हमले में ऋचा सिंह ने स्वामी प्रसाद पर हमलावर रुख अख्तियार करते हुए आरोप लगाया कि वह मानसिक जुगाली से दलित आंदोलन खड़ा करना चाहते हैं। जबकि उन्होंने दलितों की बुनियादी जरूरतों और समस्याओं पर जीवन में कभी ध्यान ही नहीं दिया। अखिलेश यादव को टैग करते हुए उन्होंने लिखा कि दलित विमर्श मात्र वक्तव्य देने का विषय नहीं है बल्कि उनकी चुनौतियों दुख दर्द में शामिल होने के लिए जमीन पर उतरना पड़ेगा। इसी के साथ उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया है जिसमें महिलाएं पुलिस का विरोध कर रही हैं, इसमें खुद ऋचा सिंह भी नजर आ रही हैं।

इससे पहले उन्होंने स्वामी पर सवाल उठाया था कि जब आप किसी धर्म और भगवान को नहीं मानते तो उसके ऊपर अनुचित टिप्पणी करने का आपका क्या अधिकार है? उन्होंने आरोप लगाया कि स्वामी प्रसाद मौर्य लोगों की भावनाओं को सिर्फ़ राजनीति के लिए आहत कर रहे हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया है कि मौर्य तब क्यों चुप थे जब अखिलेश यादव द्वारा खाली किए गए आवास को गंगाजल से धुलवाया गया था।

ऋचा सिंह से पहले समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता रोली तिवारी मिश्रा ने भी सवाल उठाया था। उन्होंने भी रामचरित मानस विवाद में स्वामी प्रसाद की टिप्पणी की निंदा करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी से सपा एमएलसी पर रासुका लगाने की मांग की थी।

ब्यूरो रिपोर्ट
समय भारत 24×7

Ankit Sah
Author: Ankit Sah

Freelance Web Editor in SamayBharat24x7

By Ankit Sah

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