समय से पहले कैसे पहचाने कैंसर के शुरुआती लक्षण
पूरी दुनिया में आज विश्व कैसर दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन का मक्सद लोगो को इस बिमारी के बारे मे जागरुक करना और हर साल लाखों मौतों को रोकना है। कुछ लक्षणों से इस बिमारी की पहचान कर सकते हैं। जागरुकता फैलाने से बहुत जरुरी है.क्यो कि दुनिया भर मे कैंसर की वजह से ना जाने कितने लोगो की मौत होती है.कैसर की रोक थाम तभी हो सकती है। जब इसके बारे मे लोगो को पूरी जानकारी हो या पता हो कैसर से पीड़ित होने पर कौन से कदम उठाने चाहिए।कैसर से रोकथाम, इसके डायग्नोसिस और इलाज के बारे में जागरुक रहना काफी जरुरी है।
हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। लोगो को पता होना चाहिए की तम्बाकू और शराब के सेवन से कैंसर की स्थिति पैदा होती है। इसके अलावा कार्सिनोजेन्स जैसे केमिकल के संर्पक में आना और सूरज की रोशनी से यूवी किरणों सहित हानिकारक रेडियेशन,मोटापा, और कैसर का पारिवारिक इतिहास अनेक प्रकार के कैंसर का खतरी बढाता है। इंडिया में सबसे ज्यादा होने वाले कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर ,ओरल कैसर, सर्वाइकल कैंसर गैस्ट्रिक ,कोलोरेक्टल औऱ फेफड़ो के कैसर हैं।
कैंसर के क्या है लक्षण
कुछ लक्षणों से कैंसर के शुरुआती चेतावनी भरे संकेत देखने को मिल सकते हैं। जब भी ऐसे संकेत दिखे तो डॉक्टर को बिना देरी किये दिखाना चाहिए। इन चेतावन भरे संकेतो मे कोई बढोतरी होने पर कैंसर को लेकर सतर्क हो जाना चाहिए और लक्षणो को हल्के मे नही लेना चाहिए। कुछ संकेतो के बारे में नीचे बताया गया है.
उदाहरण के लिए स्तन में गाठ सिस्ट के कारण हो सकती है। यह गाठ आमतौर पर अपने आप गायब हो जाती है। ऐसी प्रबल सम्भावना होती है कि यह गाठ ब्रेस्ट कैंसर का सकेत हो सकती है अगर आपको अपने शरीर मे कोई चीज आसामान्य लगती है तो इटरनेट पर समाधान खोजने के बजाए डॉक्टर को दिखाए। अब जेनेटिक टेस्टिंग भी होती है। इसकी मदद से लोग यह पता लगा सकते है कि उन्हे आगे चलकर जिंदगी मे कैंसर हो सकता है या नही जेनेटिक टेस्टिंग की मदद से जीन में होने वाले म्यूटेशन का पता लगाया जा सकता है।
कैसर का क्या है इलाज
एक चीज जिस पर हम सभी सहमति व्यक्त कर सकते है ,वह यह कि समय से इलाज कराने से कैसर से लड़ाई को जीता जा सकता है। अगर कैसर का इलजा शुरुआती स्टेज मे कराया लिया जाये तो इलाज मे कम खर्चे में होता है बल्कि इससे कैसर से लड़ाई जीतने और मृत्यु दर को कम करने मे मदद मिलती है।इलाज के लिए सकारात्मक सोच बनाए रखना बहुत जरुरी है। कैसर का पता जिस स्टेज से चलता है उसी के अनुसार इलाज की योजना बनाई जाती है। और कभी-कभी कैसर जब एडवांस स्टेज मे पहुंच जाता है तो इसका कोई फायदा नही होता है। तो इन तरीके केस में हेल्थ प्रोफेनल्स और पैलियाटिव केयर प्रदान करने, जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने और लम्बे समय तक जीवन जीने के लिए उपाय किए जाते है। जब कोई मरीज किसी अनुभवी और प्रतिष्ठित आँन्कोलॉजिस्ट से कसंल्ट करता है, तो उसे इस बात का संतोष होना चाहिए कि वह सुरक्षित हाथों मे है और उसे इलाज से फायदा हो सकता है।