राजनगर सेक्टर सात के ई ब्लॉक में निर्माण के एक सप्ताह में उखड़ गई 42 लाख की सड़कें

गाजियाबाद। नगर निगम के निर्माण विभाग ने राजनगर सेक्टर-7 में 42 लाख रुपये खर्च कर सड़कों का निर्माण कराया, लेकिन एक सप्ताह में ही सड़कें उखड़ गई। हैरानी की बात यह है कि इन सड़को का निर्माण कराने वाले अवर अभियता राजेंद्र कुमार सिंह को नगर निगम के मुख्य अभियंता ने गर्दन बचाने के लिए तब नोटिस जारी किया, जब वह शासन से निलंबित हो चुके थे। स्थानीय पार्षद का कहना है कि इस मुद्दे को वह नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव को भेजकर शिकायत करेंगे।

आपको बता दे कि नगर निगम ने नवंबर माह में राजनगर सेक्टर-7 के ई ब्लॉक और वार्ड-67 की कई सड़को का पुनर्निर्माण कराया था वार्ड-67 के पार्षद अजय शर्मा का कहना है कि उनके वार्ड में सड़को के सुधार पर नगर निगम ने करीब 42 लाख रुपये खर्च किए है। साथ ही पार्षद का कहना था कि तकरीबन 40 लाख की रकम वार्ड-67 में खर्च की गई है। वार्ड-67 में सड़क बनाने के ठेका पीपी रियलकॉन नाम की फर्म को दिया गया था। सड़क बनाने के चार-पांच दिन बाद ही गिट्टियां उखड़नी शुरु हो गई थी और एक सप्ताह में सड़कों की फिर बुरी दशा हो गई।

उन्होनें इसकी शिकायत निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता एनके चौधरी से की तो उन्होंने सड़क का मेटेरियल लेकर जांच कराई। जांच में भी निर्माण सामग्री फेल पाई गई। जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए मुख्य अभियंता एनके चौधरी ने कविनगर जोन के अवर अभियंता राजेंद्र कुमार को नोटिस भेजा।

 इसमें उन्होनें कहा कि राजनगर सेक्टर-7 में बनाई गई तीन सड़को की गुणवत्ता की जांच कराए जाने के लिए निर्माण स्थल पर प्रयोग की गई निर्माण सामग्री, बिटुमिन के सैपल जाच के लिए लोक निर्माण विभाग की प्रयोगशाला भेजा गया।

जांच मे ठेकेदार की ओर से तीनों सड़को में प्रयोग की गई निर्माण सामग्री की गुणवत्ता मानकों के अनुसार नहीं पाई गई। आपको बता दे कि 18 जनवरी को अवर अभियंता को भेजे गए नोटिस में मुख्य अभियंता ने कहा है कि इससे प्रतीत होता है कि उन्होनें दायित्वों को प्रति लापरवाही बरती है और पर्यवेक्षण में रुचि नहीं ली। इस कारण सड़क निर्माण होने के एक सप्ताह में टूट गई। उन्होंने तीन दिन में अवर अभियंता को स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए थे। वहीं, दूसरी ओर सड़क से गिट्टी आदि उखड़ने से लोगों को भी आवागमन करने में परेशानी उठानी पड़ रही है।

ब्यूरो रिपोर्ट
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