“ग्रहण दोष”

यह दोष तब बनता है जब सूर्य या चंद्रमा राहु या केतु के साथ युति में हों. ग्रहण दोष के कारण व्यक्ति हमेशा भय में रहता है. इस दोष से पीड़ित व्यक्ति हमेशा अपने काम को अधूरा छोड़ देता है और फिर नए काम के बारे में सोचने लगता है.

यदि किसी की कुंडली में सूर्य ग्रहण योग है तो उसके पिता से मतभेद होते हैं और पिता के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. व्यक्ति में सम्मान और आत्मविश्वास की कमी होती है और क्रोध की अधिकता होती है. जिससे व्यक्ति को कई बार सरकारी सजा का सामना करना पड़ सकता है.

इस योग के कारण गृह क्लेश, कार्यक्षेत्र में असफलता, पुत्र, पिता और मामा से मतभेद जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस दोष से के कारण व्यक्ति हमेशा समस्याओं से घिरा रहता है.

ज्योतिष सलाहकार, रिलेशनशिप एडवाइजर, लव गुरु, एस्ट्रो “सैंटी”