“मांगलिक दोष”

जब कुंडली में लग्न भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव, द्वादश भाव में यदि मंगल स्थित हो तो कुंडली में मंगल दोष होता है. मंगल दोष आने पर व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

लग्न भाव – यदि लग्न में यह स्थिति हो तो जातक का स्वभाव बहुत तेज, क्रोधी और अहंकारी होता है.

चौथे भाव – चौथे भाव में मंगल जीवन में खुशियो की कमी करता है और पारिवारिक जीवन में आने वाली कठिनाइयों को बढाता है.

सातवे भाव – सातवे भाव में मंगल की उपस्थिति के कारण वैवाहिक संबंधों में समस्या उत्पन्न होती है.

आठवे भाव – आठवे भाव में स्थित मंगल विवाह के सुख में कमी लाता है, ससुराल पक्ष में सुख की कमी या ससुराल पक्ष से संबंध खराब हो जाते हैं.

दसवे भाव – दसवे भाव में मंगल वैवाहिक जीवन में कठिनाई, शारीरिक क्षमता में कमी, कमजोर आयु, रोग, कलह को जन्म देता है.

ज्योतिष सलाहकार, रिलेशनशिप एडवाइजर, लव गुरु, एस्ट्रो “सैंटी”