पत्रकार और फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने पर्सनल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों को सौंपने से मना कर दिया है। माना जा रहा है कि 2018 में उन्होंने इनका इस्तेमाल कथित तौर विशेष धार्मिक समुदाय के खिलाफ ‘अत्यधिक भड़काऊ’ सोशल मीडिया पोस्ट के लिए किया होगा। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसी मामले में सोमवार को उनकी गिरफ्तारी हुई।
पुलिस ने कहा कि जुबैर ने सवाल पूछे जाने पर टाल-मटोल किया और ‘आवश्यक तकनीकी उपकरण’ उपलब्ध नहीं कराए। वह अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं। इस पर अभी तक न तो जुबैर और न ही उनकी कानूनी टीम ने कोई टिप्पणी की है।
पुलिस उपायुक्त के पी एस मल्होत्रा ने बताया इस माह की शुरुआत में पत्रकार ज़ुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153-ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 295-ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जुबैर के सहयोगी और ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने आरोप लगाया है कि जुबैर को बिना किसी नोटिस के गिरफ्तार किया गया, जो कि उन धाराओं के लिए कानून के तहत अनिवार्य है, जिसके तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस वैन में जुबैर को ले जाया गया, उसमें किसी भी पुलिसकर्मी ने नाम का टैग नहीं लगाया था।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी को बेहद चिंताजनक करार दिया और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की। गिल्ड ने एक बयान में कहा, “यह स्पष्ट है कि आल्ट न्यूज के सतर्क रुख का वे लोग विरोध कर रहे हैं जो समाज का ध्रुवीकरण करने व राष्ट्रवादी भावनाओं को भड़काने के लिए दुष्प्रचार का उपयोग एक हथियार के तौर पर करते हैं।”