विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने नामांकन दाखिल किया। इसके बाद उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। उनके साथ ही, राहुल गांधी ने भी महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए।
नामांकन कार्यक्रम के दौरान विपक्ष ने एकजुटता दिखाते हुए शक्ति प्रदर्शन किया। 24 जून को NDA की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के नामांकन के समय सत्ता पक्ष के दिग्गजों का जमावड़ा लगा था।
नामांकन के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिका अर्जुन खड़गे, एनसीपी के प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी और नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारुख अब्दुल्ला समेत कई विपक्षी दलों के नेता मौजूद रहे। दोपहर 1.10 बजे के करीब यशवंत सिन्हा प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
उधर, 17 विपक्षी दलों के साथ ही यशवंत सिन्हा को तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने भी समर्थन देने की बात कह दी है। सिन्हा का मानना है कि उन्हें अभी और अदृश्य ताकतों का समर्थन मिलेगा।
यशंवत सिन्हा का मुकाबला आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू से है। रविवार को सिन्हा ने एक इंटरव्यू के दौरान विपक्ष के इस दांव को लेकर कहा था कि एक व्यक्ति को ऊपर उठाने से पूरे समुदाय का उत्थान नहीं होता। राष्ट्रपति भवन में अगर एक और ‘रबडर स्टांप’ आ जाए, तो यह विनाशकारी होगा। उन्होंने वादा किया था कि यदि वह चुनाव जीते तो किसानों, कामगारों, बेरोजगार युवाओं, महिलाओं और हाशिये पर पड़े समाज के सभी वर्गों की आवाज को उठाएंगे।
राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होगा, जबकि 21 जुलाई को काउंटिंग होगी। समीकरण की बात करें तो विपक्षी दलों के गठबंधन UPA के पास संख्या बल कम है। NDA के पास कुल मिलाकर 5.26 लाख वोट हैं, जो कुल वोटों का लगभग 49 परसेंट है। केवल एक परसेंट की और जरूरत है। यह YSR कांग्रेस पार्टी या फिर बीजू जनता दल के समर्थन से पूरा हो सकता है। BSP भी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की बात कह चुकी है।