“सोसाइटी ऑफ वास्तु साइंस” संस्था द्वारा “वास्तु और ज्योतिष” पर एक राष्ट्रीय वार्ता का आयोजन |

सोसाइटी ऑफ वास्तु साइंस संस्था द्वारा वास्तु और ज्योतिष पर एक राष्ट्रीय वार्ता का आयोजन किया गया | कार्यक्रम का आयोजन  मोहन नगर स्थित ITS कॉलेज  में किया गया | वास्तु और ज्योतिष कार्यक्रम  के मुख्य अथिति थे | विश्व प्रशिद्ध ज्योतिषी और आध्यात्मिक गुरु डॉ पवन सिन्हा जी थे | इस अवसर पर डॉ पवन सिन्हा ने बताया यूँ तो ज्ञान ओर पुरुषार्थ सभी समस्या का हल हैं | फिर भी मनुष्य की भौतिक आकांक्षाओ को पूरा करने में उसके भवन के ब्रहम स्थान का शुद्ध, हल्का और खुला होना आवश्यक हैं |

इस अवसर पर काशी से आये KAHI के संस्थापक कुवरं सहानी ने बताया कि एरोमा थेरेपी यानि कि सुगंध के द्वारा किसी भी घर में पृथ्वी तत्व का समावेश किया जा सकता हैं | वहीं रुड़की के सिविल इंजीनियर और प्रशिद्ध वास्तु शास्त्री डॉ संजीव अग्रवाल ने बताया कि घर में अनावश्यक वस्तुओ को बहार निकालने से सारे वास्तु दोषों से निजात पाया जा सकता हैं |

सोसाइटी ऑफ वास्तु साइंस संस्था के चेयरमैन कर्नल तेजेन्द्र पल त्यागी ने बताया कि दुनिया में सबसे पहले तेज आवाज के साथ आकाश कि उत्पति हुई | उसके बाद और तत्वों कि उत्पति हुई | ये आकाश तत्व ही हैं जिसमें प्रवेश  और निकासी दोनों हैं | जोकि ओरकिसी तत्व में नहीं हैं | आकाश तत्व का सम्बन्ध आवाज और कान से हैं |

प्रसिद्ध ज्योतिषी और सोसाइटी ऑफ वास्तु साइंस संस्था के सचिव पंडित शिव कुमार शर्मा ने बताया कि ज्योतिष की परिभाषा के अनुसार देश की करीब आधी आबादी मंगली हैं | लेकिन 10 से भी अधिक ऐसी  स्थितियां हैं जो अक्सर बिना रुपयों के बताई नहीं जाती जिनमें मंगली खत्म या कमजोर किया जा सकता हैं | इन स्थितियों के बारे में प. शिव कुमार शर्मा ने जानकारी दी |

इस अवसर पर इंजीनियर विनोद शर्मा, इंजीनियर  हिमांशु गर्ग, डॉ सतीश भारद्वाज, मानव चावला, सुखविंदर सिंह, शरद पुरवार, राहुल पुरी, पुष्कर त्यागी ने विभिन्न  विषयों पर अपने विचार रखें|

वास्तु और ज्योतिष कार्यक्रम में सभी विदवानों ने वास्तुं दोष निवारण के उपाय भी बताए |