अमेठी का नाम सामने आते ही गांधी परिवार की तस्वीरें नजरों के सामने आ जाती हैं। हालांकि, अब तस्वीर बदल चुकी है। 2019 में राहुल गांधी को हराकर भाजपा की स्मृति ईरानी जहां अमेठी से सांसद बन गई हैं। वहीं, सपा ने भी अमेठी को अपना गढ़ बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए सपा ने अमेठी में स्मृति से मुकाबला करने के लिए अपर्णा यादव को उतारा है।
मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव भी आज रविवार को पहली बार अमेठी पहुंची । यहां वह तिलोई विधानसभा में सपा कार्यकर्ताओं से संवाद किया । इससे अमेठी का सियासी पारा बहुत बढ़ गया है। वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अमेठी का एक दिवसीय दौरा करके वापस लौटी तो मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव अपनी सियासी जमीन ढूंढने अमेठी पहुंची हैं। सबसे पहले अपर्णा यादव यहां तिलोई विधानसभा क्षेत्र के सिंहपुर ब्लॉक स्थित अहोरवा भवानी मंदिर में पहुंची। यहां उन्होंने मां अहोरवा का दर्शन कर माथा टेका और मां अहोरवा की आरती के साथ प्रार्थना कर पूजन कर आशीर्वाद लिया।
इसके बाद वो सीधे जायस के मलिक मोहम्मद जायसी शोध संस्थान पहुंची, जहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। कयास लगाया जा रहा है कि वो अमेठी से विधानसभा चुनाव में दावेदारी ठोक सकती हैं। ऐसे में अपर्णा यादव का पहले मंदिर में माथा टेकना और फिर जायसी की मजार पर जाना इसी का एक अंग माना जा रहा है। सियासी हलकों में चर्चा है कि अपर्णा यादव अमेठी की तिलोई विधानसभा से चुनाव लड़ सकती है। दरअसल, जानकार बताते हैं कि अमेठी में स्मृति ईरानी को टक्कर देनी है तो किसी मजबूत महिला को उनके सामने उतरना पड़ेगा। यही वजह है कि 2022 में अमेठी पर कब्जा करने के लिए सपा ने अपर्णा यादव को स्मृति इरानी के सामने उतारा है। मुलायम परिवार की बहू होने के नाते अपर्णा यादव का जिले की सभी सीटों पर अच्छा प्रभाव हो सकता है। बताते चलें कि इससे पहले अपर्णा यादव 2017 का चुनाव लखनऊ कैंट विधानसभा से लड़ चुकी हैं। वहां वह रीता बहुगुणा जोशी से हार गई थीं।