राजेश सोनी-अमेठी

हाथों में आस्था की थाली और आंखों में विश्वास लिए माता काली के दरबार में आज सुबह से ही लोग कतार में लग गए।महाशक्तिशाली माता काली के बारे में कहा जाता है कि जिस पर माँ काली की कृपा बरस जाए,उससे काल भी भय खाता है।काल को जो जीत ले, वही काली बाकी सब खाली।आज कालिकन धाम में शाह से लेकर कलंदर तक कतार मेंं लगे हैं। जितने लोग हैं उतनी मुरादे,जितनी मुरादे हैं उतनी अरदास और सभी की आंखों में एक ही विश्वास है कि यहां से कोई खाली नहीं जाता।मां हर किसी की थाली में उसकी आस्था केेे हिसाब से कुछ ना कुछ जरूर देती है।

आज संग्रामपुर के कालिकन धाम श्रद्बालुओ की भारी भीड़ देखने को मिल रही है।सुबह सूर्योदय से पहले ही यहां पक्ति बद्ध होकर दर्शनार्थी दर्शन कर रहे है।माना जाता है कि नवरात्रि के प्रारंभ मे कलश स्थापना का महत्व होता है।हिन्दू पंचांग के अनुसार अश्विन मास मे नवरात्रि आता है। नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कलश के सभी तीर्थ देवी देवताओं का वास होता है।ये मां की दुर्गा की पूजा अर्चना मे आने वाली बाधाओं को दूर करने मे सहायक होते है।घर मे स्थापना करने से साकारात्मक माहौल रहता है।घर मे सुख शान्ति रहती है।