राजेश सोनी-संवाददाता

जम्मू में शहीद हुए बीएसएफ जवान दिनेश कसौधन का पार्थिव शरीर बुधवार देर शाम लखनऊ से उनके पैतृक गांव के लिए रवाना हो गया है़। सेना के अधिकारियों और जवानों के साथ शहीद का भाई पार्थिव शरीर को लेकर घर पहुंच रहे हैं। सीओ अमेठी अर्पित कपूर के अनुसार गुरुवार सुबह शहीद के घर से पीछे ठीक 100 मीटर की दूरी पर उनकी अंत्येष्टि की जाएगी।

सोमवार को श्रीनगर के कुपवाड़ा में हवलदार दिनेश ड्यूटी के समय इलेक्ट्रिक शॉक्ड लगने से घायल हुए थे। शॉक्ड लगते ही दिनेश लाइट बंद करो-लाइट बंद करो के लिए चिल्लाने लगे। आवाज सुनकर अन्य जवान भी लाइट बंद करने के लिए बोले लेकिन तब तक करंट ने उन्हें खींच लिया था और वो दीवार से लटके हुए थे। उन्हें शर्ट पकड़कर नीचे खींचा गया। जवान दिनेश को अचेत अवस्था में तुरंत यूनिट एमआई रूम ले जाया गया और प्राथमिक उपचार के बाद तुरंत सिविल अस्पताल तंगधार ले जाया गया। सिविल अस्पताल में डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।

बुधवार को उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचना था लेकिन मौसम की खराबी से आने में समस्या आ गई। इस बीच बेटे के आखरी दीदार के लिए मां शारदा देवी की आंखें पथरा गई। बता दें कि शहीद जवान पीपरपुर के ग्राम पंचायत दुर्गापुर के निवासी थे। 11 वर्ष पूर्व वो बीएसएफ में जीडी सिपाही में भर्ती हुए थे, ट्रेनिग राजस्थान में हुई । ट्रेनिग के बाद पहली पोस्टिग राजस्थान में हुई। वहां दो वर्ष बीतने के बाद उनका स्थानांतरण कोलकाता हो गया। जहां एक वर्ष के बाद श्रीनगर के लिए स्थानान्तरण हुआ। वर्ष 2013 में रायबरेली के बछरावां में उसकी शादी हुई थी, पत्नी महिला हेल्प डेस्क 1090 पर हेड ऑफिस लखनऊ में कार्यरत है। शहीद ने अपने पीछे दो बच्चे बेटी परि (7) और बेटा आदी कसौधन (4) को छोड़ कर गया है़। आखरी बार वो इस रक्षाबंधन पर छुट्टियों पर आए थे और 1 सितंबर को ड्यूटी पर वापस गए थे। यहां बता दें कि शहीद के पिता अजय कुमार का 2018 में निधन हो गया था।