मेहुल राठोड-संवाददाता

अमेरिका में पेश हुआ रिकोन्सिलिऐसन बिल – अगर आपके पास पैसा है तो यूएस में ग्रीन कार्ड लेने के लिए लाइन में इंतजार करने की जरूरत नहीं: एक साल मे 1.40 लाख लोगो को मिलेंगे ग्रीन कार्ड वॉशिंगटन: अगर आप भी अमेरिका से ग्रीन कार्ड लेना चाहते हैं तो US सरकार ने आपको एक बड़ा मौका देने का फैसला किया है. हालांकि इस बेहतरीन मौके की आपको बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ेगी।तथ्य यह है कि अमेरिका जल्द ही सुपर फीस ले कर उन भारतीयों को खुश कर सकता है जो ग्रीन कार्ड पाने का सपना देखते हैं।

यूएस हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी ने इस संबंध में एक रिकोन्सिलिऐसन बिल भी पेश किया है। हालांकि अभी तक इस बिल को फाइनल नहीं किया गया है। इस पर आगे चर्चा की जानी बाकी है।चर्चा के बाद यह तय होगा कि क्या नए प्रावधान से अमेरिकी खजाने को राजस्व मिलेगा। ऐसे में लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं, आइए जानते हैं उनके सवालों के जवाब।यदि आपके पास पैसा है तो आपको यूएस ग्रीन कार्ड प्राप्त करने के लिए लंबी लाइनों में प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है। आपको बस 5,000 रुपये या लगभग 3.67 लाख रुपये का सुपर शुल्क देना है, और आप भी अमेरिकी नागरिक बन सकते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका हर साल 1.40 लाख लोगों को ग्रीन कार्ड जारी करता है।यह संख्या सिर्फ भारत के लोगों के लिए नहीं है, बल्कि दुनिया भर से अमेरिका आने वाले लोगों के लिए है। वर्तमान में, अमेरिका ने प्रति देश 7% की सीमा निर्धारित की है। यानी एक ही देश में 7% से ज्यादा लोगों को एक साल में ग्रीन कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। इसका मतलब है कि भारत मे के केवल 9800 लोगों को एक साल में ग्रीन कार्ड मिल सकता है। बिल में इस सीमा में किसी बदलाव का कोई जिक्र नहीं है। बिल H-B वीजा के बारे में कुछ नहीं कहता है।

ऐसे में माना जा रहा है कि H-B कोटा पहले जैसा ही रहेगा, इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। फिलहाल यह कोटा 4 हजार का है। इसके अलावा, H-1B वीजा उन लोगों को जारी किए जाते हैं जो संयुक्त राज्य में उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं।

यह यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स के अमेरिका वर्क्स अभियान का हिस्सा है। बीते दिनोंमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का जिक्र किया गया था कि जल्द ही H-1B वीजा के लिए कोटा दोगुना किया जा सकता है।H-1B वीजा सभी देशों के लोगों को संयुक्त राज्य में अस्थायी रूप से काम करने की अनुमति देता है।केंटो इंस्टीट्यूट के इमिग्रेशन पॉलिसी एनालिस्ट डेविड जे. बीयर के एक अध्ययन के मुताबिक, रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड (ईबी3 और ईबी3 कैटेगरी) के लिए आवेदकों की लिस्ट लंबी है।अप्रैल 2020 तक, भारत से आवेदनों की सूची 7.41 लाख को छू गई है।