हरियाली तीज का आज पावन व्रत है। भगवान भोले और माता पार्वती जी को अर्पित हरियाली तीज के अवसर पर व्रत रखा जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने शुभ विवाह जीवन, पति की लंबी उम्र और सौभाग्य की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं। पूजा के समय तीज माता यानी माता पार्वती की पूजा-अराधना की जाती हैं। साथ ही भगवान शिव और गणेश जी की भी पूजा की जाती है।

माना जाता हैं जिन कुवांरी लड़कियों की शादी पक्की हो गयी हो या जिनका विवाह होना है, वे भी हरियाली तीज का व्रत रखती है, जिससे उनको भी माता पार्वती की तरह मन का चाहा वर की प्राप्ति हो। इस व्रत में महिलाएं हरे रंग की साड़ी और चूड़िया पहनती हैं. साथ ही महिलाएं घर के आंगन में झूला डालकर सावन और तीज के गीत गाती हैं.

यह व्रत कठिन व्रतों में से एक है। आपको बता दें, भगवान शिव को माता पार्वती ने पति रुप में पाने के लिए 107 जन्मों तक कठिन तपस्या की थी, फिर भगवान शिव उन पर 108वें जन्म में खुश हुए और फिर दोनों का विवाह हुआ। माता पार्वती की कठिन तपस्या को देखते हुए य​​ह व्रत बड़ा कठोर माना जाता है। आइए जानें हरियाली तीज व्रत के नियमों के बारे में,

महिलाएं और युवतियां को यह व्रत निर्जला व्रत रखना होता है। इस व्रत में व्यक्ति को मन, वचन, कर्म और आचरण से भी निर्मल होना चाहिए।

मन में कोई बुरी भावना न रखें और न ही गलत सोचें। इस व्रत के वक्त आपको सोने से बचना चाहिए। नीद न आए इसके लिए भजन-कीर्तन किया जाता है।

व्रत रखने वाली महिलाओं को हरे रंग का प्रयोग करना होता है। हरे रंग की साड़ी, हरे रंग की चूड़ियां आदि का प्रयोग होता है।