उन्नाव जिला अस्पताल में बनाए गए डायलिसिस सेंटर पर पानी की आपूर्ति पिछले 36 घंटे से ठप्प होने से मरीजों की डायलिसिस ठप्प पड़ी है। सबसे बड़ी लापरवाही की तस्वीर और कहीं से नहीं बल्कि सीएमओ व सीएमएस की मौजूदगी वाले जिला अस्पताल परिसर से है। अधिकारियों की मौजूदगी के बाद भी खराब हुई वाटर लाइन का 36 घंटे बाद भी सही न हो पाना लापरवाही को बताने को काफी है। डायलिसिस न होने से कई मरीज जान जोखिम में डालकर अपने अपने घरों को लौटने को मजबूर रहे हैं।

जिला अस्पताल के पुरुष वार्ड में मरीजों के लिए एक डायलिसिस सेंटर बनाया गया है। डायलिसिस सेंटर की वाटर सप्लाई पाइप लाइन पिछले 36 घंटे से खराब होना बताया जा रहा है। जिसकी जानकारी सीएमएस उन्नाव को होना भी बताया जा रहा है। फिर भी जिम्मेदार अधिकारी ने पाइप लाइन सही कराने की सुध तब ली, जब लापरवाही की तस्वीर मीडिया में आई।

आपको बता दें डायलिसिस सेंटर पर डायलिसिस कराने पहुंचे मरीजों को उस समय झटका लगा , जब सेंटर पर पानी आपूर्ति न होने की बात कहकर डॉक्टर ने मरीजों की डायलिसिस करने से मना कर दिया। जिंदगी व मौत से जूझ रहे मायूस मरीज बेबसी व सिस्टम को कोसते हुए घरों को लौटने को मजबूर हो गए। सीएमएस की लापरवाही से आज डायलिसिस के कई मरीज वापस लौट गए। मीडिया में तस्वीरें सामने आने के बाद सीएमएस डॉ पवन कुमार ने खराब पड़ी पाइप लाइन को देखा और मर्म्मतीकरण का कार्य शुरू कराया ।

सीएमएस ने बताया कि पाइप लाइन खराब होने से पानी की आपूर्ति बंद हो गई थी। पाइप लाइन को सही कराया जा रहा है और मरीजों की डायलिसिस होगी। मरीजों के लौटने व लापरवाही पर सीएमएस गोलमोल जवाब देकर चुप्पी साध गए ।