उत्तर प्रदेश के कई जिलों में 102 और 108 एम्बुलेंस के कर्मचारी सही तरह से काम नहीं कर रहे हैं, इसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाएं में दिक्कतें आ रही हैं. इसी दौरान इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन लापरवाही को लेकर मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

शहर और देहात क्षेत्रों से मरीजों को अस्पताल लाने के लिए 102,108 और एएलएस की कुल 46 एंबुलेंस निजी संस्था कंपनी जीवीके, ईएमआरआई के माध्यम से संचालित हैं। लेकिन इस समय लापरवाही के कारण कोई एंबुलेंस काम नहीं आ रही हैं, अगर किसी मरीज को प्रेग्नेंसी के क्रिटिकल कंडीशन के चलते एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में रेफर किया जाता हैं, तब अस्पताल की लापरवाही के साथ साथ एम्बुलेंस भी धोखा दे जाती है, उत्तर प्रदेश सरकार लोगों की सहायता करने के दावे तो खूब करती हैं लेकिन असल में जब आम आदमी को ज़रूरत पड़ती है तो उत्तर प्रदेश की सरकार और प्रशासन फेल होता नज़र आता है !