खबर उन्नाव से, जहाँ एक मुकदमे में उन्नाव पुलिस के सम्मन पर पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह उन्नाव के सोहरामऊ थाने पहुंचे । पूर्व IAS ने यहां जांच अधिकारी को अपने बयान दर्ज करवाए । दोपहर में थाने पहुंचे पूर्व आईएएस लगभग एक घंटे रुके और जांच अधिकारी के सामने अपने बयान दर्ज कराए हैं । बता दें कि बीते दिनों गंगा नदी में शव तैरने को लेकर पूर्व आईएएस ने ट्वीट किया था । जिस पर सदर कोतवाली पुलिस में आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था । जिसकी जांच चल रही है।
पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने सोहरामऊ थाना में बयान दर्ज करवाने के बाद मीडिया से बात करते हुए रिटायर्ड आईएएस ने बयान देते हुए कहा की उन्नाव में मेरे विरुद्ध एक एफआईआर दर्ज हुई, जिसमें बलिया के अंदर जो तैरते शव गंगा में थे जिनकी कोरोना से मौत हुई है, एसपी सिंह ने कहा की मैंने जो प्रकरण लिखा था वो बलिया के बारे में था । रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने कहा की मैंने एक अखबार की कटिंग और प्रतीकात्मक फोटो लगाई थी, जिसको उन्नाव पुलिस ने कहा की ये तो हमारा है 2014 का है, जबकि उसमें प्रतीकात्मक फोटो लिखा हुआ है, मुझे पता नहीं वो फ़ोटो ना तो बलिया का है ना उन्नाव का है, लेकिन उसके बाद उन्नाव में गंगा में तमाम बॉडीज़ मिली हैं गंगा में । तमाम रेती में मिली हैं । रिटायर्ड आईएएस ने सवाल उठाते हुए कहा की मेरे कहने का मतलब मैंने ये भी निवेदन किया है, आईओ से कहा की उनसे खबर चली अखबार में छपा उससे जनता में भय व्याप्त नहीं हुआ । तो मेरे एक ट्वीट से भय कहां से व्याप्त हो गया जनता में । रिटायर्ड आईएएस ने कहा की मेरा दोष कहाँ से बनता है, मैंने कहा है मेरे प्रति न्याय कीजिये । रिटायर्ड आईएएस ने कहा की दूसरी बात ये है की ये कोई मुद्दा उन्नाव का नहीं है, ये मुद्दा सरकार का है, सूर्य प्रताप सिंह सरकार की नजरों में खलता है, उनके ट्वीटर को सैंकड़ों, लाखों लोग देखते हैं, जब मैं लिखता हूँ कोई ऐसी चीज लिखता हूँ उनको लगता है वो चीज सरकार के विरुद्ध है उनकी छवि खराब होती है, इसीलिए एक साल में विरुद्ध 6 मुकदमे दर्ज किए । उन्होंने बताया की 2 लखनऊ में, 1 उन्नाव में, 1 कानपुर में, 1 बनारस, 1 कासगंज में दर्ज हैं, जिसमें 6 में 4 मुकदमे कोविड काल के हैं, वहीं पूर्व आईएएस एसपी सिंह ने कहा की कोविड काल में कोई भी आप जानते हैं ट्वीटर पर लिखता है समस्याएं लिखता है, उन्होंने बताया की सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है की वो अवमानना मानी जाएगी, अगर कोई एफआईआर दर्ज होती है, ये उन्नाव का जो केस है इसमें भी FIR में मेरे विरुद्ध कार्रवाई करेंगे । वहीं रिटायर्ड आईएएस ने कहा की ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा । ये उनका दुस्साहस होगा की ये मेरे विरुद्ध कार्रवाई करें । पूर्व आईएएस ने कहा मैंने लिखकर दिया है अपने बयान में इनको और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का रिफरेंस दिया है, मुद्दा ये खाली उन्नाव पुलिस का नहीं है, इनका कोई दोष थोड़ी नहीं है, इनको ऊपर से आदेश मिला एफआईआर कर दिया इन्होंने । मुद्दा ये है की सरकार मेरा हरैसमेंट करना चाहती है ।