मथुरा देशभर में कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है।
केंद्र और राज्य सरकारें कोरोना की इस भयंकर लहर पर काबू पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाये हुये हैं।
जनता को कहीं लॉक डाउन तो कहीं कर्फ्यू जैसे हालातों से गुजरना पड़ रहा है।
सरकार हो या स्थानीय जनता सभी का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ एक ही है। कैसे भी कोरोना की चैन को तोड़ा जाये। जिससे लोगों को इस महामारी से निजात मिल सके।
बाबजूद इसके वृन्दावन में कुछेक ऐसे भी दुकानदार हैं जो लॉक डाउन होने के बाद भी जबरन दुकान खोलकर नाश्ता बेच रहे हैं।
उन्हें इस बात से कोई गुरेज नहीं कि कोरोना के कारण देश और राज्य सरकारों के माथे पर लकीरें पड़ी हुई हैं। दिन- प्रतिदिन नये- नये फरमान जारी हो रहे हैं।
जो तस्वीरें आप देख रहे हैं वह मथुरा गेट चौकी क्षेत्र के गौरानगर कालोनी स्थित मोना हलवाई की दुकान की हैं।
जहां शटर को एक साइड से खोलकर ग्राहकों को अन्दर भेजा जाता है।
अन्दर ग्राहकों को बैठाकर बखूबी तरीके से कचौड़ी- जलेबी का नाश्ता परोसा जाता है।
शासन की ओर से बीकेण्ड लॉक डाउन लगाने का मुख्य उद्देश्य है कि लोगों को महामारी में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
लेकिन वृन्दावन पुलिस के पास चुनावों के चलते पर्याप्त पुलिस न होने का बहाना भी खूब है।
फिर चाहे लोग शासन के आदेशों की अवहेलना करें या फिर कानून को ताक पर रखकर मज़ाक उढ़ायें।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि पुलिस का लगातार गश्त न देने का ही नतीजा है इस प्रकार दुकान खोलकर सरकारी फरमानों की धज्जियां उड़ाना।
लगता है ऐसे लापरवाह दुकानदार को न तो अपनी जिंदगी की कोई फिक्र और न ही ग्राहकों की कोई परवाह!