संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति मसूरी ने देशव्यापी हड़ताल का समर्थन किया

उत्तराखंड। संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति मसूरी के पदाधिकारियों विभिन्न मांगों को लेकर देशव्यापी हड़ताल पर है जिसके तहत मसूरी में संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति मसूरी , कांग्रेस पार्टी , आप पार्टी से जुड़े लोगों मसूरी के पिक्चर पैलेस चौक पर एकत्रित हुए और केंद्र की भाजपा सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस मौके 14 सूत्रीय मांग पत्र एसडीएम मसूरी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को भेजा गया। इस मौके पर मजदूर नेताओं ने किसानों की विभिन्न मांगें, एमवी एक्ट, श्रम संहिताएं रद्द करने समेत अन्य मांगों को प्रमुखता से उठाया गया। संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति मसूरी अध्यक्ष आर.पी. बडोनी ने कहा कि श्रम कानूनों के स्थान पर चार श्रम संहिताएं बनाई गई हैं, जो श्रमिकों के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी 146 सांसदों को निलंबित कर सरकार के द्वारा हाल ही में चालकों व जन विरोधी काला कानून मोटर वाहन अधिनियम 2023 को संसद में विपक्ष की अनुपस्थिति में पारित किया गया है। जिसके तहत दुर्घटना के पश्चात 7 साल की सजा व 10 लाख रु जुर्माना होगा जिसका सर्वत्र विरोध किया जा रहा है।उन्होने कहा कि आज स्कीम वर्कर्स से तमाम काम लिए जा रहे हैं, लेकिन काम के बदले उतना वेतन नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये होना चाहिए, उन्हें राज्य कर्मचारी घोषित किया जाना चाहिए। बीमा निगम शामिल है।उन्होंने कहा कि ट्रेड यूनियन एक्ट सहित चारों श्रम संहिता वापस की जानी चाहिए। श्रम कानून को प्रभावशाली बनाया जाना चाहिए।
माँगें-
1. मोटर वाहन अधिनियम 2023 को तत्काल प्रभाव से रद्द करो ।
2. 29 श्रम कानूनों के स्थान पर लायी गयी चारों श्रम संहिताओं के साथ 12 घंटे काम करने के आदेश को रद्द करो ।
3. मसूरी एक पर्यटक नगरी है यहाँ पचासों दशक से मजदूर रिक्शा चला रहे है मगर उत्तराखंड सरकार एवं नगरपालिका परिषद मसूरी इन रिक्शा मजदूरों को माल रोड से हटाना चाहती हैं एवं उनके रिक्शा को बंद करने पर उतारू है इस पर रोक लगाई जाये ।
4. किसानों के हितों के लिये एम. एस. पी. पर कानून बनाया जाए, बिजली बिल 2022 वापस लिया जाए, स्मार्ट मीटर लगाने के फैसले को वापस लिया जाये।
5. शिफन कोर्ट के 180 परिवारों के घर तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता एवं उत्तराखंड सरकार के मंत्री मसूरी के विधायक और सरकार की मिलीभगत से बेघर कर दिया गया था उन्हें सरकार अभिलम्ब आवास उपलब्ध कराये जाये एवं माल रोड से किसी भी रिक्शा श्रमिकों को ना हटाया जाये।
6. बढ़ती महंगाई पर रोक लगायी जाये व गैस, पेट्रोल, डीजल के दामों में बेतहाशा मूल्य वृद्धि को वापस लिया
7. नई पेंशन स्कीम रद्द कर पुरानी पेंशन स्कीम बहाल की जाए द्य
8. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड उत्तराखंड में ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों को रखा जाए तथा बोर्ड में हुए लगभग 400 करोड़ रुपये की धांधली की सी.बी.आई. जाँच कराई जाये ।
9. उत्तराखंड सरकार द्वारा रेहड़ी, पटरी, फुटपाथ व्यवसायियों व ई-रिक्शा कर्मकारों के उत्पीड़न पर रोक लगाओ तथा उन्हें मुख्य मार्गो से हटाना बंद करते हुए इसके लिए वेंडर जोन घोषित करें ।
10. होटल, स्कूल, दुकानों, में कार्यरत श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 26000 ध् रुपये किया जाये एवं मसूरी में जो हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों से आये अनुबंध (लिज धारक) उत्तराखंड में आकर मजदूरों का शोषण कर रहे हैं उन्हें न तो पी.एफ. और नई. एस. आई. 12 घंटे काम लेना, साप्ताहिक एवं वार्षिक अवकाश, श्रम कानूनों का पालन न करने वाले प्रतिष्ठानों पर पर गंभीर धाराओं पर मुकदमा दर्ज किये जाये एवं न्यूनतम वेतन उत्तराखंड बोर्ड में ए.आई.टी.यू.सी. को प्रतिनिधित्व दिया जाये ।
11. उत्तराखंड राज्य में विभिन्न विभागों में रिक्त पडे लगभग 50 हज़ार पदों पर नियमित नियुक्ति तत्काल प्रभाव से की जाए ।
12. श्रम विभाग में मजदूरों की सुनवाई समयबद्ध तरीके से की जाए तथा रिक्त पड़े पदों पर तत्काल भर्ती की जाए तथा विभाग की लचर व्यवस्था को दूर कर प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ।
13. चाय बागान के मजदूरों को सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी व वर्षो से पीढी दर पीढी कार्य कर रहे श्रमिकों को उनके स्थान पर भूमि का मालिकाना हक दिया जाये, वर्षो से अस्थायी रूप से कार्य कर रहे श्रमिकों को पक्का किया जाये चाय बागान की अधिग्रहित की गयी भूमि के मुआवजे से श्रमिकों को भी इसका लाभ दिया जाए ।
14. भेल व रेलवे की संयुक्त खाली पड़ी भूमि जिस पर भेल व रेलवे ज्वाइंट वेंचर के तहत पार्क बनाने का प्रस्ताव किस राज्य सरकार को देने का प्रस्ताव को रद्द किया जाये।

उत्तराखंड, ब्यूरो रिपोर्ट
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