वार्ड नंबर 52 के मौजूदा के पार्षद श्री अभिषेक चौधरी हुऐ जनता के सामने फैल
गाजियाबाद :- स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 की रैंकिंग मैं गाजियाबाद प्रदेश का पहला और देश का भारत सबसे स्वच्छ शहर बना था, जिसमें प्रदेश की राजधानी लखनऊ को भी गाजियाबाद ने पछाड़ दिया था शहर को स्वच्छ रखने के लिए यहां कई सारी एविटविटीज भी होती रहती है इसके बावजूद जमीनी हकीकत बहुत सारे सवालों को खोज लाती है गाजियाबाद नामा आपके सामने लेकर आ रहा है गाजियाबाद के वार्डओ का लेखा जोखा। गाजियाबाद के पार्षदों का 5 साल का रिपोर्ट कार्ड देखिए पार्षद फेल होते हैं या पास जनता के जुबानी।
गाजियाबाद नामा संवादाता मानसी झा गाजियाबाद के आर्यनगर, कोट गांव वार्ड नंबर 52 के पार्षद श्री अभिषेक चौधरी के 5 सालों का लेखा-जोखा लेने पहुंची जनता के पास उनसे बात की और उनकी समस्याओं को जानी।
वार्ड नंबर 52 के ही स्थानीय निवासी सर चंद दिवाकर का कहना था कि 5 सालों के दौरान जिस तरीके का विकास होना चाहिए था उस तरीके का विकास यहां के पार्षद जी ने नहीं किया जो स्थिति 5 साल पहले की थी वही स्थिति अभी की है साथ ही दिवाकर जी का कहना था जब भी हम अपनी समस्याओं को लेकर के पार्षद जी के पास जाते हैं तो वह सुनके अनसुनी कर देते हैं। इनका कहना था हमारे कॉलोनी में यह कूड़े का ढेर काफी समय से है इसको लेकर के पार्षद जी के पास कई बार गए हैं लेकिन उन्होंने आज तक इस समस्या का समाधान नहीं किया है ना ही तो वह कभी लोगों के साथ मौजूद रहते हैं ना ही कभी समस्याओं को सुनते हैं और जब हम अपनी समस्याओं को लेकर के उनके कार्यालय पर जाते हैं तो वह सुनकर अनसुनी कर देते हैं। अबकी बार हम ऐसे पार्षद को चाहते हैं जो अपने घरों में पैसा ना भरे जनता की समस्याओं का हल करें।
वार्ड नंबर 52 के ही स्थानीय निवासी राकेश का कहना था यहां के जो मौजूदा पार्षद है वह बस नाम के ही पार्षद है ना ही तो उन्होंने 5 सालों में किसी भी तरीके का विकास करवाया है जब बारिश का मौसम होता है तो आर्य नगर में पूरी सड़कों पर पानी भर जाता है लोगों का जाना मुश्किल हो जाता है इसको लेकर के कई बार पार्षद जी के पास भी गए लेकिन उन्होंने कभी भी नहीं सुना साथ ही उनका कहना था कि या खुला इलाका है यहां पर डंपिंग ग्राउंड बना रखा है काफी समय से यह कूड़े का ढेर यहां पर है इसको लेकर के भी कई बार हमने लिखित रूप में शिकायत की कई बार उनके कार्यालय भी गए शिकायत लेकर के लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई सुनके अनसुनी कर देते हैं ना ही तो यहां पर साफ सफाई की कोई व्यवस्था है ना ही यहां पर पानी साफ आता है जो स्थिति 5 साल पहले की थी वही स्थिति अभी की है कोई भी बदलाव 5 सालों के दौरान नहीं किया गया है।
वार्ड नंबर 52 के ही स्थानीय निवासी हेमलता का कहना था कि हम कई बार अपनी समस्याओं को लेकर के पार्षद जी के कार्यालय पर गए लेकिन उन्होंने सुनके अनसुनी कर दी थी उनका कहना था की उनको आधार कार्ड बनाने में पार्षद जी का सिग्नेचर चाहिए था तो वह उनका सिग्नेचर लेने उनके घर गई तो उन्होंने सिग्नेचर करने से मना कर दिया उनका कहना था कि हम सिग्नेचर नहीं करेंगे। हेमलता का कहना है कि यहां के पार्षद जी ने 5 सालों में किसी भी तरीके का विकास नहीं करवाया है ना ही तो यहां पर पानी आता है और ना ही आप पर साफ-सफाई को लेकर के कोई काम किया गया है यहां पर यह कूड़े का ढेर बना रखा है इसको लेकर के कई बार पार्षद जी के पास गए लेकिन उन्हें सुनके अनसुनी कर दी इस कूड़े के ढेर से सारे कूड़ा उड़ उड़ कर हमारे घर में घुस जाता है और इस कूड़े के ढेर से हमारे बच्चे भी काफी बीमार पड़ते हैं लेकिन इसके ऊपर या के पार्षद जी ले किसी भी तरीके का कोई विकास नहीं कर पाया है साथ ही इनका कहना था अबकी बार हम ऐसा पार्षद चाहते हैं जो कि हमारे साथ मौजूद रहे हमारी समस्याओं को हर समय सुनैना की समस्याओं को सुनकर अनसुनी करें हेमलता का कहना यह भी था कि यहां के जो मौजूदा पार्षद है उन्होंने बस अपने ही इलाके में विकास करवाया है आर्य नगर में एक भी पैसे का कोई विकास नहीं कराया है बस सरकार की पैसों को अपने घर में भरा है।
वार्ड नंबर 52 के स्थानीय निवासी राजेश का कहना था कि यहां के पार्षद ने एक पैसे का विकास नहीं कराया है जब बारिश का मौसम आता है तो पूरी तरीके से पूरी सड़कों पर पूरी गलियों में पानी का भंडार हो जाता है पार्षद जी देख कर अनदेखा कर देते हैं इन सड़कों पर आते जाते हैं लेकिन एक पैसे का विकास नहीं कराते यह कूड़े का अंबार बना हुआ है यहां पर इसको लेकर के कई बार शिकायत भी की गई है पार्षद से लेकिन वह सुनके अनसुनी कर देते हैं
वार्ड नंबर 52 के स्थानीय निवासी सीमा का कहना था कि यहां के जो मौजूदा पार्षद है वह बस नाम के ही पार्षद है उन्होंने 5 सालों में किसी भी तरीके का कोई विकास नहीं कराया है आर्य नगर में गटर और नाली कि काफी समस्या है हमेशा नाली और गटर भरा ही रहता है ना ही तो इसको साफ करने के लिए सफाई कर्मचारी आते हैं साथ ही यहां पर कूड़े का भंडार है इसको लेकर के कई बार पार्षद जी के पास भी गए लेकिन उन्होंने सुनके अनसुनी कर दी उन्होंने कभी भी समस्याओं को सुना ही नहीं नहीं तो वह आर्य नगर में आते हैं और ना ही जनता की समस्याओं को सुनते हैं जब जनता अपनी समस्याओं को उनके कार्यालय पर लेकर जाती है तो वह सुनके अनसुनी कर देते हैं।