इस बार नाव पर सवार होकर आएंगी देवी मां, जानिय क्या है इसके मायने

इस बार नौ दिनों का नवरात्रि होगा। किसी भी तिथि का क्षय नहीं है। 22 मार्च बुधवार से नवरात्रि शुरू होने के कारण माता इस बार नाव पर सवार होकर आएंगी, इससे पर्याप्त वर्षा का योग बन रहा है।

शुभ योग में आने वाली नवरात्रि अपने साधकों के लिए शुभ होगी।

पंडित शिवकुमार शर्मा ने बताया कि पूरे नौ दिन के नवरात्रि पर कुल आठ विशेष योग बन रहे हैं। प्रतिपदा और द्वितिया तिथि तीन-तीन और तृतीया और अष्टमी तिथि के दिन एक-एक योग बन रहा हैं।

नवरात्रि के पहले दिन उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होगा। इस नक्षत्र को ज्ञान, खुशी और सौभाग्य का कारक माना जाता है। इसके अलावा उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र और प्रतिपदा तिथि होने के संयोग से शुक्ल योग बन रहा और इसी दिन ब्रह्म योग भी बन रहा है। उन्होंने बताया कि 11 बजे तक कलश स्थापना का शुभ महूर्त है। अगर सुबह कलश स्थापना नहीं कर पाएं तो शाम की सिंह लग्न में भी कलश स्थापना हो सकती है।

कलश स्थापना की विधि मिट्टी का कलश जौ बोने के लिए पात्र मिट्टी, जौ, गंगाजल, फूल, 9 मिठाई, फल रोली, चावल, कलाक, प्रसाद भोग तैयार करें। सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर मंदिर की सफाई करें। पटरा या चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवती मां की मूर्ति रखें। पंडित दुलीद कौशिक ने बताया कि इस बात का ध्यान रखें कि कलश स्थापना या भगवती मां के आह्वान में भगवती मां का मुख पश्चिम की ओर हो और आपका मुंह उनके सामने पूरब की ओर हो। कलश के दायीं तरफ दीपक जलाकर रखें।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त                  

  • सुबह 6:04 बजे से 7:30 बजे तक मीन लग्न
  • सुबह 9:06 तक मिथुन लग्न
  • सुबह 11:00 बजे तक वृषभ लग्न है
  • शाम 03:34 बजे से 05:51 बजे तक सिंह लग्न रहेगा

ब्यूरो रिपोर्ट
समय भारत 24×7

Ankit Sah
Author: Ankit Sah

Freelance Web Editor in SamayBharat24x7

By Ankit Sah

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