गाजियाबाद की रिवर हाइट्स सोसायटी में बोरे में बंद करके फेंके गए कुत्ते, 2 अधिकारियों पर हुई कार्रवाई
राजनगर एक्सटेंशन स्थित रिवर हाइट्स सोसायटी में स्ट्रीट डाग्स के लिए बनाए गए फीडिंग प्वाइंट्स का मामला अब गरमा गया है। सोसायटी द्वारा फीडिंग प्वाइंट्स में रखे गए कुत्तों को मुक्त कराने के लिए पीएफए ट्रस्ट की संस्थापक आशिमा शर्मा ने नगरायुक्त से मांग की तो सोसायटी के लोगों ने कुत्तों को बोरे में बंद करके फेंक दिया।
वीडियो वायरल होने पर कार्रवाई
इसका वीडियो सोशल मीडिया प्रसारित होने और इसकी नगरायुक्त को लिखित शिकायत करने पर संबंधित अधिकारियों एवं सोसायटी के लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पहले चरण में नगरायुक्त डा. नितिन गौड़ ने कार्य में लापरवाही बरतने और उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने के आरोप में उप मुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा.अनुज कुमार सिंह से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
जारी आदेश में लिखा है कि इस प्रकरण में मौके पर जाकर फीडिंग प्वाइंट्स से कुत्तों को सुरक्षित तरीके से मुक्त कराने के निर्देश दिये गए थे लेकिन अधिकारियों ने इन आदेशों का अनुपालन नहीं किया है। यह अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। नोटिस भेजकर नगरायुक्त ने दो दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। इसके अलावा पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा.आशीष त्रिपाठी के वेतन पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी गई है।
पुलिस को दी गई शिकायत
नगरायुक्त के सख्त रूख को भांपकर अधीनस्थ अधिकारियों ने कुत्तों को बोरे में बंद करके फेंके जाने को लेकर सोसायटी की एओए के कुछ पदाधिकारियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में एफआइआर दर्ज कराने को नंदग्राम थाने में तहरीर भी दे दी है। बता दें कि इस प्रकरण को लेकर बुधवार को सोसायटी के लोगों ने नगर निगम कार्यालय पर धरना भी दिया था।
पीएफए ट्रस्ट की संस्थापक आशिमा शर्मा का कहना है कि नियमानुसार कुत्तों को बंधक बनाकर नहीं रखा जा सकता है। उधर सोसायटी की एओए के अध्यक्ष सुबोध त्यागी का कहना है कि सोसायटी ने खुद की छह एकड़ पर जमीन पर स्ट्रीट डाग्स को खाना खिलाने के लिए फीडिंग प्वाइंट्स बनाया है। उनका आरोप है कि पीएफए ट्रस्ट के लोग बिना वजह छह फीडिंग प्वाइंट्स को बंद कराने का प्रयास कर रहे हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट
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