टीबी और आम खांसी को कैसे पहचाने?
लगातार खांसी और टीबी की वजह से खासी होने मे फर्क को समझने के लिए खांसी की शुरुआत के बारे में जानना जरुरी है. क्रॉनिक खांसी के पीछे माइको बैक्टीरियम टीबी इनफेक्शन होता है, वही आम खांसी वायरल ऊपरी श्रवशन तंत्र इनफेक्शन के कारण होती है. हालाकि, अगर आप की आम खांसी लगातार चली जा रही है. ओर ठीक न होने का नाम नही ले रही है. तो इसमे और टीबी मे क्या अंतर है आइए जानते है.
टीबी और खांसी को कैसे पहचाने?
खांसी की वजह समझने के लिए जरुरी है कि हम खांसी के प्रकार और अवधी पर भी ध्यान दे. यह हम सभी जानते है कि फेफड़े के टीबी और दूसरे एक्यूट या क्रॉनिक श्रसन बीमारियों मे खांसी होती है, लेकि साथ ही यह भी जानना जरुरी है कि इन बीमारियों के शुरुआती लक्षण क्या है, जो आम खांसी मे मेल खाते है. खासी जो दो हफ्तो से ज्यादा तक चलती है, वह टीबी का लक्षण भी हो सकता है. अगर खांसी लगातार दो हफ्तो से ज्यादा चल रही है और साथ मे सांस लेने में कोई दिक्कत या फिर रात में पसीना आने जैसे लक्षण भी दिखते है. तो यह टीबी हो सकता है. ऐसा होने पर तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए।
टीबी और खांसी के लक्षण
आम खांसी और टीबी के ऐसे आम लक्षण जिनसे आप इनमें फर्क को समझ सकते है.
. टीबी के मरीजो की खांसी मे खून आता है।
. दो हफ्तो तक बुरी खांसी होना।
. भूख न लगना
. कमजोरी
.टीबी के मरीजो को अक्सर किसी दूसरे टीबी के मरीज से ही इन्फेक्शन होता है।
. शरीर मे कंपकपी महसूस होना
. बुखार
. वजन का कम हो जाना
. रात मे पसीना आना
टीबी के क्या कारण है?
.सही डाइट न लेना
.स्मोकिग काफी करना
.टीबी के मरीज से पास का संपर्क
.पहले से कॉनिक किडनी रोग या इम्यूनिटी से जुड़ी बीमारी होना।
टीबी का इलाज क्या है?
पहली बार टीबी होने पर: 6 महीने तक दवाईयों का कोर्स चलता है। साथ ही नियमित फॉलो- अप ताकि शरीर से ज्यादा से ज्यादा बेक्टीरिया को खत्म किया जा सके और साथ ही मरीज को दोबारा टीवी न हो।
दूसरी बार टीबी होने पर: दवाईयो का कोर्स 8 से 9 महीने तक चलता है. जिसका फोकस शरीर में मौजूद बचे-कुचे टीबी के वायरस को खत्म करना होता है।
अगर एक व्यकित को पहली बार और दूसरी बार टीबी के बाद फिर इनफ्केशन होता है। तो इसका मतलब उसे MDRTB है। जिसका मतलब है मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट टीबी होना।
ब्यूरो रिपोर्ट
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