महाराष्ट्र में जारी सियासी संग्राम के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिवसेना सांसद संजय राउत को समन जारी किया है। उन्हें पात्रा चॉल जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए 28 जून यानी मंगलवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
ED के समन पर राउत ने अपने खिलाफ साजिश की बात कही है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘अब मैं समझता हूं कि ED ने मुझे समन क्यों भेजा है। अच्छा है। महाराष्ट्र में बड़े घटनाक्रम चल रहे हैं। बाला साहेब के हम सभी शिव सैनिक एक बड़ी लड़ाई में शामिल हो गए हैं। यह साजिश चल रही है। मेरी गर्दन कट भी जाए तो मैं गुवाहाटी के रास्ते पर नहीं जाऊंगा। चलो। मुझे गिरफ्तार करो! जय महाराष्ट्र!’

इधर, ED के नोटिस के कुछ मिनट बाद ही उद्धव ने एकनाथ शिंदे समेत 9 मंत्रियों के विभाग छीन लिए। शिंदे का विभाग सुभाष देसाई को सौंपा गया है। नीचे दी गई टेबल में बागी मंत्रियों के पास मौजूद विभाग और उनका प्रभार किसे सौंपा गया है
महाराष्ट्र में जारी सियासी संग्राम के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिवसेना सांसद संजय राउत को समन जारी किया है। उन्हें पात्रा चॉल जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए 28 जून यानी मंगलवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
ED के समन पर राउत ने अपने खिलाफ साजिश की बात कही है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘अब मैं समझता हूं कि ED ने मुझे समन क्यों भेजा है। अच्छा है। महाराष्ट्र में बड़े घटनाक्रम चल रहे हैं। बाला साहेब के हम सभी शिव सैनिक एक बड़ी लड़ाई में शामिल हो गए हैं। यह साजिश चल रही है। मेरी गर्दन कट भी जाए तो मैं गुवाहाटी के रास्ते पर नहीं जाऊंगा। चलो। मुझे गिरफ्तार करो! जय महाराष्ट्र!’

इधर, ED के नोटिस के कुछ मिनट बाद ही उद्धव ने एकनाथ शिंदे समेत 9 मंत्रियों के विभाग छीन लिए। शिंदे का विभाग सुभाष देसाई को सौंपा गया है। नीचे दी गई टेबल में बागी मंत्रियों के पास मौजूद विभाग और उनका प्रभार किसे सौंपा गया है
इधर, BJP ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के संकेत दिए हैं। केंद्र सरकार के मंत्री रावसाहेब दानवे ने एक मीटिंग में कहा- हम सिर्फ 2-3 दिन विपक्ष में मौजूद हैं। अपने कार्यकाल में जो करना है, जल्दी करें। खास बात यह है कि इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे भी मौजूद थे।
वहीं, शिंदे गुट की बगावत के 7वें दिन शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए बड़ा हमला बोला है। सामना की संपादकीय में शिंदे गुट को नचनिया बताया गया है। इधर, शिवसेना के विधायक उदयसिंह राजपूत ने दावा किया है कि शिंदे गुट में जाने के लिए उन्हों 50 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया गया।
सामना में आगे लिखा- जिन 15 विधायकों को केंद्र की ओर से सुरक्षा दी गई है, वो लोकतंत्र के रखवाले नहीं है। ये लोग 50-50 करोड़ रुपए में बेचे गए बैल अथवा ‘बिग बुल’ हैं, जो लोकतंत्र के लिए कलंक है। वहीं फडणवीस और शिंदे के मुलाकात पर भी निशाना साधा गया है।